श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भारतीय संस्कृति में विशिष्ट स्थान :रघुवर दास
सूर्य मंदिर समिति के तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव राज्यपाल रघुवर दास मुख्यातिथि के रूप में हुए शामिल
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर:सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। पिछले तीन दिनों से चल रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का समापन सोमवार को हुआ। सोमवार को महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन बाल राधा-कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता और सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता का फाइनल सम्पन्न हुआ। दोनों प्रतियोगिता के फाइनल में प्रतिभागियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। प्रतियोगिता के समापन समारोह में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री,
ओडिशा के राज्यपाल एवं सूर्य मंदिर समिति के संस्थापक रघुवर दास मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह एवं अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे। इस दौरान बाल राधा कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता के 20 फाइनलिस्ट एवं सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता के 8 फाइनलिस्ट समूहों ने अपने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बाल-राधा कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता में नटखट नन्हे बाल गोपाल एवं राधा रानी ने सबका मन मोह लिया। प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न सामाजिक विषयों पर आधारित नृत्यों में प्रतिभागियों का प्रदर्शन अद्भुत और मनोरंजनपूर्ण रहा, जिसमें सभी समूहों ने अपने कला की उच्चतम मानकों का प्रदर्शन किया। दर्शकों ने पूरे प्रतियोगिता के दौरान करतल ध्वनि एवं जय श्री कृष्ण जैसे नारों के संग प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया। प्रतियोगिता में जज के रूप में सोनाली चटर्जी, रम्यता प्रफुल्ल, बैशाखी दास, राजश्री मान, कोमल प्रसाद, गुरुदयाल सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महोत्सव में मुख्यातिथि के रूप में शामिल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, ओडिशा के राज्यपाल सह सूर्य मंदिर के संस्थापक रघुवर दास ने जमशेदपुर समेत ओडिशा एवं देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भारतीय संस्कृति में विशिष्ट स्थान है। वहीं, वर्षों से चल रहे सूर्य मंदिर समिति द्वारा बाल राधा-कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता एवं सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर समिति को शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन ना केवल हमारी युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक एवं सामाजिक मूल्यों से जोड़ते हैं। बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नन्हें बाल गोपाल एवं राधा रानी के मनमोहक रूप और सामाजिक एवं पर्यावरण संदेशों पर आधारित नृत्य अति सराहनीय रहे। ऐसे आयोजन समाज में एकता, प्रेम और सांस्कृतिक गर्व की भावना को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने सभी अभिभावकों को भी बच्चों में अच्छे संस्कार सृजन करने के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, देवेंद्र सिंह, सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, कृष्णमोहन सिंह, बंटी अग्रवाल, कंचन दत्ता, प्रेम झा, प्रमोद मिश्रा, मिथिलेश सिंह यादव, रामबाबु तिवारी, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, पवन अग्रवाल, सुशांत पांडा, राकेश सिंह, खेमलाल चौधरी, कुलवंत सिंह बंटी, कल्याणी शरण, पप्पू उपाध्याय, प्रोबिर चटर्जी राणा, संतोष कुमार, कुमार अभिषेक, अमरेंद्र कुमार, रीता शर्मा, कुमार अभिषेक, तजिंदर सिंह जॉनी, उमेश गिरी, निकेत सिंह, सतीश सिंह, करफु पोद्दार समेत अन्य सदस्यगण मौजूद रहे।