डरा हुआ हूँ मैं……
संजय राय
पिछले डेढ़ साल से इतना नही जितना नही परेशान और डरा था जितना आज डरा परेशान हूँ..हर पल किसी न किसी अपने मित्र की किसी मित्र,रिश्तेदार के अपनो के मौत की खबरें आ रही हैं ।कोई लंबी बीमारी से ग्रसित थे ।इलाज चल रहा था अब ये कोरोना कोविद19 की दूसरी लहर आ गई इलाज रुक गए डॉक्टर किसी मरीज को हाथ नहीं लगा रहे ,ओपीडी बंद जहां चालू हैं वहां डॉक्टर 8फुट दूर से मरीजको उससे मर्ज पूछ के औपचारिकता कर रहे ।ये कोरोना ने ,कैंसर ,tb, मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू ,चिकन गुनिया, गैस,ब्लडप्रेशर, शुगर, थायराइड और न जाने कितनी ही बीमारियों के इलाज को रोक दिया ।केवल और केवल कोरोना उन्ही के लिए बेड, ऑक्सीजन बेड ,आई सी यू , इत्यादि बुक हैं । कुछ अस्पतालों ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है ।आई सी यू में भर्ती मरीज जब ठीक होने लगता है और अधिक सोर्स से आया हुआ हो ऊंची पहुंच वाला हो जो अस्पताल की कमाई न करने दे रहा हो उसके ठीक होने के वक्त ही अचानक मौत की खबर दे देते हैं ।डॉक्टर तो पेशेंट को देख ही नही रहे अटेंडेंट ,स्टाफ नर्स ही समय समय पे दवा ,इंजेक्शन, ऑक्सीजन इत्यादी दे रहे ।अपने अगल बगल लोगों को मरता दम तोड़ता देख हौसला खो दे रहा जीने की आस छोड़ दे रहा ।आइ सी यू में परिजन जा नही पाते ,जनरल वार्ड में कोई स्टाफ पहुंच नही पाता ।बहुत बुरी हालत है कोरोना के मरीजों की ।अभी कुछ ट्रोलिया 5g को ले के अफवाह उड़ाए हैं कि इसके रेडिएसन से लोग मर रहे जो कि गलत है । आज अचानक अगर किसी को हार्ट अटैक आये तो अस्पताल पहले कोविद जांच कराएगा जब तक रिपोर्ट आएगी तब तक वो ब्यक्ति मर जायेगा ।बहुत से मामले मेरी संज्ञान में आये ।किसी को ब्रेन हेमरेज हुआ तो इलाज समय पे न मिलने से मरीज मर गया । कोविद अस्पतालों को अलग कर सामान्य ओपीडी शुरू किए जाने की मैं मांग करता हूँ ।जहां ओपीडी चल रही हैं वहां डॉक्टरों की उपस्थिति भी हो ।इलाज हो रेफर करने टालने की बाते न हों । पल्ला झाड़ के बड़े अस्पतालों में भेजने की प्रक्रिया बंद हो ।बड़े अस्पतालों में रेफर करने पर कमीसन मिलता है डॉक्टरों को ।Pgi एम्स जैसे अस्पताल भी प्राइवेट अस्पतालों को रेफर करते हैं ।
आज तमाम लोगों को वक्त पे इलाज नही मिल रहा उस वजह से भी मौतें हो रही हैं । कुछ लोग तो इन मौतों के आंकड़ों खबरों को सभी सूचना के माध्यमों से सुन जान के तनाव में आजा रहे हैं फिर अचानक अधिक तनाव में हार्ट अटैक से मर रहे हैं । कुछ तो अस्पताल भी मरिजों को मार रहे बेड खाली कर वेटिंग में लगे मरीज से बेड के मोटी रकम वसूली करने को ।एम्बुलेंस वाले ,श्मशान में लकड़ी और शव जलाने की भी मोटी रकम वसूल रहे है । क्या करे कोई ये सोच के घर मे अपने को कैद किये हूँ tv चैनलों पे हिन्दू मुस्लिम ,बंगाल ही चल रहा केवल द्वेष फैला रहे । आरोप प्रत्यारोप ही लगाते हैं सब ,सोसल मीडिया पे डेथ की खबरे अपनो की , वाट्सएप अफवाह फैला रहा जितने लोग उतनी बातें नीम हकीम सब बने हैं क्या होगा इस धरती का इस भारत का सरकार तो चुनाव में मस्त लगभग ढाई लाख लोग मर गए इस कोरोना की आड़ में कुछ कोरोना से ,सरकारें तो आपदा में अवसर ढूंढती हैं कमाई का कर रही हैं किसी पार्टी की सरकार हो सब एक ही हैं ।आज से लिखना शुरू किया लिखूंगा अपने दिल की बात किसी को बुरी लगे या भली ……(क्रमश जारी अगले लेख में )