श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में समय पर चुनाव कराने का वादा निभाया। उन्होंने चुनाव आयोग को भी धन्यवाद दिया कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से आयोजित हुए। साथ ही उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा भी जल्द पूरा किया जाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “प्रधानमंत्री ने अपने शब्दों पर खरा उतरते हुए चार महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए और लोगों को बिना किसी गड़बड़ी के मतदान करने का अवसर दिया। इन चुनावों में न कोई धांधली हुई और न ही बूथ पर दोबारा मतदान की जरूरत पड़ी। इससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हुई हैं।” उन्होंने कहा कि इन शांतिपूर्ण चुनावों की वजह से ही वह मुख्यमंत्री के तौर पर खड़े हैं।
ज़-मोर्ह टनल के उद्घाटन के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस टनल का इंतजार जम्मू-कश्मीर के लोगों को लंबे समय से था। अब इसकी वजह से सर्दियों में सोनमर्ग छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और पूरे साल यहां टूरिज्म का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, “टनल के चलते विंटर टूरिज्म की संभावनाएं बढ़ेंगी, और सोनमर्ग को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकेगा।”
उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, “कश्मीरी जनता का प्रधानमंत्री पर भरोसा बढ़ रहा है। अगर यह वादा पूरा होता है, तो यह विश्वास और मजबूत होगा।” गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। तब से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग लगातार उठ रही है।
ज़-मोर्ह टनल के निर्माण में हुई देरी को लेकर उमर अब्दुल्ला ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट 2012 में शुरू हुआ था, जब केंद्र में यूपीए सरकार थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से प्रोजेक्ट में तेजी आई और इसे समय पर पूरा किया गया।”
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उमर अब्दुल्ला की इस बयानबाजी को विपक्ष के लिए आईना बताया। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने साफ किया कि ईवीएम पर चुनावी हार का दोष लगाना गलत है। यह टिप्पणी विपक्षी दलों के उस रुख के खिलाफ है, जो हालिया चुनावी हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और उमर अब्दुल्ला की पारस्परिक प्रशंसा ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि वादों को निभाने और विकास को प्राथमिकता देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।