झीमड़ी में साम्प्रदायिक तनाव पर गरमाई सियासत: आदिवासी मूलवासी अस्मिता की रक्षा को लेकर भाजपा सांसद बिद्युत वरण महतो उतरे मैदान में
राष्ट्र संवाद संवाददाता
नीमडीह (चांडिल): पूर्वी सिंहभूम के झीमड़ी गांव में एक हिंदू युवती के कथित अपहरण, जबरन धर्मांतरण और निकाह को लेकर दो समुदायों के बीच बढ़ता तनाव अब विस्फोटक रूप लेता जा रहा है। क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने झीमड़ी और आसपास के गांवों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इसी मुद्दे को लेकर भाजपा सांसद बिद्युत वरण महतो रविवार को मुरुगडीह पहुंचे, जहां उन्होंने “एकता मंच” के बैनर तले ग्रामीणों की एक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, “झीमड़ी में महिलाओं पर पुरुष पुलिस द्वारा रात के समय घर में घुसकर मारपीट और जेल भेजना कानून व्यवस्था की गंभीर विफलता है। यह आदिवासी-मूलवासी अस्मिता पर सीधा हमला है।”उन्होंने चेतावनी लिहाजे में नीमडीह थाना प्रभारी से कहा थानेदारी करे, सत्ता पक्ष के इशारे पर ज्यादा होशियारी न करे, अभी ट्रायल है ये आदिवासी मूलवासी आंदोलन की भूमि है.
महतो ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने बांग्लादेशी घुसपैठियों और जबरन धर्मांतरण पर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो आदिवासी मूलवासी समुदाय आंदोलन करने को बाध्य होगा।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है और ग्रामीणों को डराने-धमकाने के साथ-साथ केस में नाम डालकर अवैध वसूली कर रही है। इससे इलाके में आक्रोश चरम पर है और शांत माना जाने वाला क्षेत्र अशांति की ओर बढ़ रहा है।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग:
सांसद विद्युत वरण महतो के साथ भाजपा नेत्री सारथी महतो, भाजपा नेता वीरेंद्र महतो, सुदर्शन महतो, मधु महतो, दयाल महतो, गौतम महतो, मुखिया सुलोचना देवी, आकाश महतो, खुदी सरदार, रामकृष्ण महतो, धर्मेंद्र सिंह, पद्मोलोचन महतो, मदन सिंह सरदार, मकर महतो सहित कई ग्रामीण नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।