सेन्द्रा में महिला इज्तिमा सम्पन्न
औरतें भी अपना ज़कात अदा करें : रिज़वाना
धनबाद : मकतबे बाग़-ए-आयशा, मदनाडीह-सेन्द्रा में औरतों के लिए महिला इज्तिमा सम्पन्न हुआ। रमज़ान की वजह से सुबह 10 से 11 बजे रखा गया। इस इज्तिमा में मदनाडीह, सेन्द्रा के विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं और बच्चियों ने शिरकत की और रमज़ान की फ़ज़ीलत को समझ कर उस पर अमल करने का इरादा किया। इस इज्तिमा की शुरुआत मकतब की छात्रा नायरा परवीन ने कलामे पाक की तिलावत से की। अनाबिया परवीन और आयशा समीर ने नात शरीफ के कलाम पेश की।
इस इज्तिमा में मोअल्लिमा रिज़वाना परवीन ने रोज़ा और ज़कात के मसाइल को समझाया और बताया कि साहिबे निसाब औरतों को भी अलग से ढाई फ़ीसदी के हिसाब से ज़कात की अदायगी करनी ज़रूरी है। मायके से दुल्हन को जो गहने मिलते हैं, उनकी जकात दुल्हन पर ही फर्ज है, वह खुद अदा करें या उसकी इजाजत से उसका शौहर या बाप, भाई वगैरह अदा करें। साथ ही, उन्होंने शबे क़द्र की फजीलत को बयान करते हुए कहा कि शबे क़द्र को रमज़ान की पांच रातों 21, 23, 25, 27, 29 में तलाश करने का हुक्म है।
इसमें खुशबू ख़ातून, तबस्सुम बानो, अफ़साना ख़ातून, ज़ेबा बानो, रोज़ी परवीन, जूली परवीन, नगमा ख़ातून, सबीना परवीन, रेहाना ख़ातून, नाज़िया ख़ातून आदि भी शामिल थीं।