संथाल के 300 गांवों के ग्राम प्रधान ने ठाना जल, जंगल और जमीन है बचाना
Ranchi: मंगलवार को संथाल परगना राजस्व ग्राम प्रधान संगठन ने नारायणपुर अंचल कार्यालय के परिसर स्थित मैदान में एक बैठक का आयोजन किया किया गया. इस बैठक में 300 ग्रामों के राजस्व ग्राम प्रधान उपस्थित हुए. इस बैठक में संगठन को मजबूत बनाने, संगठन की नियमित बैठक करने समेत सरकारी जमीन पर लगे हुए पेड़ों को निजी स्वार्थ के लिए काटा जाने के विरोध में सभी प्रधान एकमत हुए. इस बैठक के उपरांत संथाल पकड़ना राजस्व ग्राम प्रधान संगठन ने एक जागरूकता सा संकल्प रैली नारायणपुर वन परिसर के कार्यालय से निकाला इसके साथ ही राजस्व ग्राम प्रधानों ने गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे पर दलदल मोड पांडेदी मोड रामनगर जुम्मन मोड पर लगभग 10 किलोमीटर के अंदर में गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे के दोनों तरफ लगे हुए पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर संकल्प लिया की हम लोग सरकारी जमीन पर लगे हुए हरे वृक्षों का अवैध कटाव नहीं होने देंगे.
राजस्व प्रधानों की रैली को संबोधित करते हुए राजस्व प्रधान संगठन के महामंत्री शिवलाल मुर्मू ने कहा की सरकारी अधिकारियों के मिली भगत से गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे के बनने के समय करोड़ों की लागत से लगाए गए पेड़ों को लोग अपने व्यवसाय के लिए काट रहे हैं. यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश का पूरा उल्लंघन है. राजस्व ग्राम प्रधान संगठन के सलाहकार गौरी तिवारी ने कहा की रामनगर मौज में पेट्रोल पंप बनाने के लिए 40 पेड़ों का काटा जाना का प्रस्ताव गया हुआ है. हम लोग पेड़ काटने के विरुद्ध खड़े रहेंगे. नारायणपुर प्रखंड के पूर्व ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष सह्जहाँ अंसारी ने कहा की अभी तक करोड़ों खर्च कर सरकार द्वारा गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे पर लगाए गए पेड़ों में हजारों पेड़ का कटाव हो चुका है. जिससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. संघ के संजोजक सत्यनारायण तिवारी ने कहा कि अगर पदाधिकारी मनमानी करेंगे और किसी भी निजी व्यवसाय को फायदा दिलाने के लिए सरकारी जमीन पर लगे हुए पेड़ों को काटने का प्रयास किया जाएगा तो ग्राम प्रधान संघ चिपको आंदोलन करेगा.
गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे पर बनते समय जामताड़ा जिला अंतर्गत सरकारी खर्चे पर करोड़ों की संख्या में पेड़ रोड के दोनों तरफ लगाए गए थे, आज यह स्थिति है कि लाखों पेड़ों का कट ऑफ हो चुका है. कहीं लोगों ने अपना व्यवसाय खोलने के लिए कहीं पेट्रोल पंप खोलने के लिए कहीं होटल खोलने के लिए लोगों ने विभागीय पदाधिकारी से मिली भगत कर लाखों हरे पेड़ काट दिए हैं.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एमसी मेहता वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया एंड अदर्स सिविल पिटीशन संख्या 13381 बाय 1984 में अपने दिनांक 6 फरवरी 2024 को पारित आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है की राज्य पेड़ों का संरक्षक है सबसे पहले राज्य को संतुष्ट होना होगा की निजी काम के लिए निजी फायदे के लिए पेड़ों को काटना जरूरी है या नहीं. यह ऐसे मामले हैं जिन्हें हमें लापरवाही से नहीं लेना चाहिए और हम लापरवाही से नहीं लेने वाले हर एक पेड़ को बचाना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति कोई काम करना चाहता है या व्यवसाय करना चाहता है तो क्या हम पेड़ काटने की अनुमति दे दें. इसके साथ ही यह भी कहा कि सरकारी जमीन पर बिना सरकारी अलॉटमेंट आदेश या जमीन का स्वामित्व प्राप्त यह कोई भी अन्य व्यक्ति या संस्था पेड़ काटने हेतु कैसे आवेदन कर सकता है इसके साथ ही क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय में गंभीर चिंता व्यक्त की है.
आज की इस रैली में लगभग 300 राजस्व ग्राम के ग्राम प्रधान उपस्थित थे उन्होंने सभी एक स्वर से आवाज लगाया कि पर्यावरण को बचाना ग्राम प्रधान का दायित्व है, इसी दायित्व को पूरा करने के लिए हम लोगों के द्वारा गोविंदपुर साहिबगंज में लगे हुए सरकारी पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधा है और इसमें हम लोग कोई भी लापरवाही नहीं होने देंगे. अगर कोई भी व्यक्ति सरकारी अधिकारियों से मिली भगत कर सरकारी जमीन पर लगा हुआ हरा-भरा पेड़ अपने फायदे के लिए काटता है तो उसका पूरा विरोध ग्राम प्रधान संघ करेगा और जरूरी होने पर चिपको आंदोलन की भी शुरुआत की जाएगी.