उपायुक्त कुमुद सहाय की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला का हुआ आयोजन
वर्षा की स्थिति को देखते हुए कृषकों को मिलेट्स/श्रीअन्न, मक्का, दलहन एवं मोटे अनाज की खेती हेतु करें प्रोत्साहित: उपायुक्त
निजाम खान। राष्ट्र संवाद
जामताड़ा: संयुक्त कृषि भवन सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा श्रीमती कुमुद सहाय की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला 2024 का आयोजन किया गया। जिसका विधिवत शुभारंभ मुख्य अतिथि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।आयोजित खरीफ कर्मशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्रीमती कुमुद सहाय ने कहा कि जिला के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ किस प्रकार से कृषि उत्पादन में वृद्धि हो, इस दिशा में अधिकारियों को पहल करने की जरूरत है। उन्होंने जिले में कृषि एवं पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जिला के किसानों के पास अपार संभावनाएं हैं। जामताड़ा कृषि प्रधान जिला है, यहाँ की अधिकतर आबादी कृषि कार्य पर आश्रित है। विगत वर्ष 2023 में जिले में मानसून की प्रतिकुल स्थिति रही, माह जून से सितम्बर तक जिले के सामान्य वर्षापात 1102.6 एमएम के विरूद्ध वास्तविक वर्षापात मात्र 686.6 एमएम होने के कारण खरीफ फसल का कुल आच्छादन लक्ष्य 86,960 हे0 के विरूद्ध 21399 हे० ही रहा।उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में खरीफ फसलों के आच्छादन में धान का आच्छादन लक्ष्य 52,000 हे०, मक्का का आच्छादन लक्ष्य 15,700 हे०, दलहन का आच्छादन लक्ष्य 16,700 हे०, तेलहन का आच्छादन लक्ष्य 860 हे०, मोटे अनाज का आच्छादन लक्ष्य 16,90 हे० निर्धारित है। कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना ‘झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना” में लक्ष्य 33,765 के विरुद्ध अभी तक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड द्वारा 26,204 स्टैंडर्ड लोन 2896.9 लाख रूपये माफ किये जा चुके है।उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जिलान्तर्गत कृषकों की आय में वृद्धि हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही है, जिनमें राज्य योजना जैसे बिरसा बीज उत्पादन, विनिमय, वितरण एवं फसल विस्तार योजना, एग्री क्लीनिक, समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला, मृदा स्वास्थ प्रबंधन योजना, कृषि मेला, कार्यशाला, प्रर्दशनी, प्रशिक्षण, भ्रमण प्रोत्साहन, पुरस्कार तथा प्रचार-प्रसार की योजनाएँ आदि हैं। साथ ही केन्द्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन, तेलहन एवं मोटे अनाज), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- प्रति बून्द अधिक फसल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पी०एम०-किसान) आदि चलाई जा रही है।वर्ष 2023 को “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स” वर्ष रूप में मनाया गया है, वर्ष 2024 में मिलेट्स मिशन योजनान्तर्गत कृषकों की अभिरुचि बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 5 एकड़ हेतु 15000.00 रुपये दी जायेगी। जामताड़ा जिलान्तर्गत मिलेट्स / श्रीअन्न फसलों के उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं, जिसे देखते हुए कई कार्यक्रम / गतिविधियाँ चलायी जा रही है ताकि किसानों में मिलेट्स / श्रीअन्न फसलों के प्रति जागरूकता लाया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि इस वर्ष भी जिले में वर्षा की स्थिति अबतक निराशाजनक ही रही है, माह जून एवं जुलाई माह में सामान्य वर्षापात 552.4 एमएम के विरूद्ध वास्तविक वर्षापात 228.5 एमएम ही दर्ज किया गया है।उन्होंने कहा कि वर्षा की स्थिति को देखते हुए कृषकों को मिलेट्स / श्रीअन्न, मक्का, दलहन एवं मोटे अनाज की खेती करने हेतु प्रोत्साहित करें, जिससे वे धान की फसल में हो रहे क्षति की भरपाई कर सके।वहीं इस दौरान संबंधित अधिकारी के द्वारा कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, भूमि संरक्षण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया।इस मौके पर उपरोक्त के अलावा जिला कृषि पदाधिकारी श्री लव कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ विद्यासागर, भूमि संरक्षण पदाधिकारी श्री रिजवान अंसारी सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।