व्यवहार न्यायालय परिसर, जामताड़ा सहित जिला अन्तर्गत सभी प्रखंड कार्यालयों में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन
*∆ राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर निष्पादन हेतु गठित 08 बेंच के द्वारा जिला अंतर्गत प्राप्त कुल 16989 वादों (प्री लिटिगेशन एवं पेंडिंग केस मिलाकर) में से 15980 वादों का किया गया निष्पादन, 6 करोड़ 10 लाख 12 हजार 902 राशि का हुआ सेटलमेंट।*
माननीय नालसा के निर्देशानुसार एवं झालसा के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, जामताड़ा के व्यवहार न्यायालय परिसर, जामताड़ा में आज दिनांक 13.05.2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश श्री रंजीत कुमार, उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री फैज अक अहमद मुमताज (भा.प्र.से.), पुलिस अधीक्षक श्री मनोज स्वर्गियारी (भा.पु.से.), प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री एन के पांडेय, वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री बनकर अजिंक्य देवीदास, डीएलएसए सचिव श्री अभिनव कुमार,जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मिहिर दुबे सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
*राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन में कार्यपालिका का बढ़िया सहयोग मिला – प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश*
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश श्री रंजीत कुमार ने कहा कि कार्यपालिका के द्वारा लोक अदालत हेतु काफी बढ़िया सहयोग मिला है जो राष्ट्रीय लोक अदालत में दिख रहा है। उन्होंने इस हेतु कार्यपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वैसे मामले काफी लंबे समय से लंबित हैं। इस लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच सुलह करवा करके निष्पादन किया गया है।
*जाने-अनजाने हुई गलती को मिल बैठकर समझौता के तहत निष्पादन करना राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य – उपायुक्त*
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्री फैज अक अहमद मुमताज (भा.प्र.से.) ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम लोगों का अदालत है। इसमें दोनों पक्षकारों का होना अनिवार्य है। जाने-अनजाने हुई गलती को मिल बैठकर समझौता के तहत निष्पादन करना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। लोग कोर्ट कचहरी के चक्कर में ना पड़े इसके लिए राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा सभी सुलहनीय वादों का निष्पादन किया जा रहा है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सुलहनीय वादों का निष्पादन करवाएं।
*राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से दो पक्षों में लंबित वादों का सुलह के जरिए हो रहा निष्पादन*
पुलिस अधीक्षक श्री मनोज स्वर्गियारी (भा.पु.से.) कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से दो पक्षों के बीच काफी समय से लंबित विवादों का सुलह हो रहा है इससे लोगों को ज्यादा काफी फायदा हो रहा है साथ ही इससे समाज में शांति और भाईचारा भी कायम होता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर निष्पादन हेतु गठित कुल 08 बेंचों के द्वारा विभिन्न वादों का निष्पादन किया गया। जिसमें प्री लिटिगेशन के कुल 15393 वादों में से 15268 वादों का निष्पादन कर 5 करोड़ 14 लाख 85 हजार 994 रुपए का सेटलमेंट किया गया। वहीं पेंडिंग 1596 केस में 712 का निष्पादन कर 95 लाख 26 हजार 908 रुपए का सेटलमेंट किया गया। वहीं दोनों मिलाकर कुल 16989 वादों में से 15980 वादों का निष्पादन कर 6 करोड़ 10 लाख 12 हजार 902 राशि का सेटलमेंट किया गया।
वहीं इस दौरान बैंक ऋण से संबंधित मामले, बिजली से संबंधित मामले, रेलवे से संबंधित मामले, मोटर एक्सिडेन्ट से संबंधित मामले, 138 एन0आई0एक्ट चेक बाउंस से संबंधित मामले, बी0एस0एन0एल से संबंधित मामले, फौजदारी, क्रिमिनल सुलहनीय मामले, रेवन्यू से संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद से संबंधित मामले, उत्पाद वाद से संबंधित मामले उपभोक्ता विवाद से संबंधित मामले, वन वाद से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा से संबंधित मामले, न्यूनतम मजदूरी विवाद एवं श्रम से संबंधित मामले, मनरेगा से संबंधित मामले एवं अन्य सभी सुलहनीय मामले जिन्हें लोक अदालत के माध्यम से सुलझाया गया।
इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी श्री संजय पांडेय, अंचल अधिकारी श्री मनोज कुमार सहित संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी आदि उपस्थित थे।