चित्रगुप्त महासमिति की ओर से स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई
राष्ट्र संवाद संवाददाता
गम्हरिया।चित्रगुप्त महासमिति की ओर से स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर बड़ा गम्हरिया स्थित चित्रगुप्त भवन में एक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान सर्वप्रथम उपस्थित सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महासमिति के उपाध्यक्ष केएम श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा के स्त्रोत थे। उनके अंदर बचपन से ही जिज्ञासा और ज्ञान की भूख कूट-कूटकर भरी थी। इसी भूख को शांत करने की दिशा में वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बने। बाद में अपने गुरु के आदर्शों को अपनाते हुए समाज और धर्म के लिए काम किया। कार्यक्रम को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन महासचिव संजय कुमार वर्मा ने किया। इस मौके पर कोषाध्यक्ष अभय लाभ, केके सिन्हा, महेश श्रीवास्तव, आशीष कुमार श्रीवास्तव, मुकेश कुमार, अमित कुमार वर्मा, जेपी श्रीवास्तव, प्रभाष चन्द्र श्रीवास्तव, रत्नेश्वर सहाय समेत कई सदस्य उपस्थित थे।