पंजाब। पंजाब में जहां चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है, वहीं कांग्रेस के बीच चल रही लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए कांग्रेस हाईकमान के सर्वे का रुख भांपते ही अपने तेवर कड़े कर दिए हैं। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कहकर पार्टी के अंदर के माहौल को गरम कर दिया है कि ‘शीर्ष पर बैठे लोग’ एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं, जो उनके इशारे पर नाचता रहे। सिद्धू के ये कड़े तेवर तब सामने आए हैं, जब कांग्रेस हाईकमान कल यानि छह फरवरी को अगले मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करने जा रहा है। कुल मिलाकर, सिद्धू ने चन्नी को कमजोर मुख्यमंत्री साबित होने की ओर इशारा कर पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी करने की कोशिश तेज कर दी है। इस बीच कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी, उसके कार्यकर्ता और पंजाब के लोग मुख्यमंत्री चन्नी के साथ खड़े हैं और विधानसभा चुनाव में चन्नी को हतोत्साहित करने का प्रयास कर रहे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा चन्नी को लेकर की गई कमजोर सीएम वाली टिप्पणी पर चौधरी ने बचाव करते हुए कहा कि सिद्धू का यह बयान कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि भाजपा के लिए था। लेकिन भले ही कांग्रेस इस बात का बचाव करे, पर पार्टी की अंदरूनी लड़ाई से इंकार नहीं किया जा सकता है। सिद्धू का साफ-साफ कहना है कि एक अच्छे मुख्यमंत्री का चुनाव करना केवल पंजाब के मतदाताओं के हाथ में है। उन्होंने शुक्रवार को अमृतसर में अपने समर्थकों के बीच कहा- ‘अगर नया पंजाब बनाना है तो सीएम के हाथ में है। आपको इस बार सीएम चुनना है। ऊपर वालों को एक कमजोर सीएम चाहिए, जो उनकी धुन पर नाच सके। क्या आपको ऐसा सीएम चाहिए?’ इन सबके बीच पार्टी और सियासी गलियारों में ये अटकलें तेज हो गईं हैं कि अगर, हाईकमान ने चन्नी को अगला मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया तो संभव है कि सिद्धू कांग्रेस को अलविदा कह दें। ऐसे ही संकेत हाल ही में सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी दिए थे कि वे पति-पत्नी अपने पुराने प्रोफेशन में लौट सकते हैं। हालांकि, मौजूदा समय में सिद्धू के लिए हाईकमान के फैसले के खिलाफ पार्टी के भीतर गुटबाजी को हवा दे पाना भी संभव नहीं होगा, क्योंकि पार्टी ने अधिकांश विधायकों और मंत्रियों को फिर से टिकट देकर चुनाव में उतार दिया गया है।