प्रयागराज। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के पावन स्नान पर्व पर भारी भीड़ उमड़ने से मची भगदड़ में 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना के बाद राज्य प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा करने का निर्णय लिया है। भीड़ प्रबंधन को लेकर सरकार ने कई अहम बदलाव किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बुधवार को स्नान पर्व के दौरान लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए उमड़े थे। बढ़ती भीड़ के दबाव में कई श्रद्धालु बैरिकेड्स को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे, जिससे संतुलन बिगड़ गया और अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ में कई लोग नीचे गिर गए और उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला। महाकुंभ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) वैभव कृष्णा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में भगदड़ का मुख्य कारण बैरिकेडिंग को धक्का देकर श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र जल तक जल्दी पहुंचने की कोशिश करना पाया गया है। प्रशासन ने घटना के बाद तत्काल समीक्षा बैठक कर स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
प्रयागराज महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और भगदड़ की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन ने पांच महत्वपूर्ण बदलाव लागू किए हैं, जो इस प्रकार हैं:
पूर्ण वाहन-मुक्त मेला क्षेत्र – महाकुंभ मेला क्षेत्र को पूरी तरह से वाहन-मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब किसी भी प्रकार का निजी या सरकारी वाहन मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगा, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही निर्बाध बनी रहे।
वीवीआईपी पास रद्द – प्रशासन ने यह सख्त निर्णय लिया है कि अब किसी भी वीवीआईपी या विशेष पास के आधार पर किसी वाहन को मेला क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी श्रद्धालु समान रूप से अपनी आस्था के अनुसार स्नान और दर्शन कर सकें।
एकतरफा यातायात प्रणाली लागू – भीड़ को नियंत्रित करने और सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ क्षेत्र में एकतरफा यातायात प्रणाली लागू की गई है। इससे श्रद्धालुओं को एक सुव्यवस्थित तरीके से आने-जाने में मदद मिलेगी और अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनेगी।
सीमाओं पर वाहनों की रोक – प्रयागराज के आसपास के जिलों से आने वाले वाहनों को जिला सीमा पर ही रोक दिया जाएगा। इससे मेले के मुख्य प्रवेश स्थलों पर अनावश्यक भीड़ नहीं होगी और सुरक्षा इंतजाम और अधिक प्रभावी बनाए जा सकेंगे।
4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध – सरकार ने 4 फरवरी तक प्रयागराज में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।
महाकुंभ मेले की भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की है। राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज भेजने का आदेश दिया है। ये दोनों अधिकारी 2019 के अर्धकुंभ के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा, पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भीड़ प्रबंधन और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया और दिशा-निर्देश
भगदड़ की इस त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि महाकुंभ में किसी भी हाल में श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को तुरंत महाकुंभ की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने और रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे अधिकारियों और परिवहन निगम से समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें तैनात करने के भी निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
भीड़ नियंत्रण और सुविधाओं का विस्तार
प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष रणनीति बनाई है:
रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त इंतजाम – बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेन के माध्यम से लौटने वाले हैं, इसलिए रेलवे स्टेशनों पर विशेष प्रबंधन किया गया है।
बस सेवा का विस्तार – परिवहन निगम को अधिक बसें संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिल सके।
होल्डिंग एरिया का निर्माण – संगम क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न सीमा बिंदुओं पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। इन स्थानों पर भोजन, पेयजल, और बिजली की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
न्यायिक जांच आयोग गठित और मुआवजा घोषित
भगदड़ की घटना के कारणों की गहराई से जांच करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। इस पैनल में शामिल सदस्य हैं:
न्यायमूर्ति हर्ष कुमार (सेवानिवृत्त)
पूर्व डीजी वीके गुप्ता
पूर्व आईएएस अधिकारी वीके सिंह
यह आयोग घटना की विस्तृत जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के उचित इलाज की व्यवस्था करने और उनके लिए विशेष राहत उपाय लागू करने का आदेश दिया गया है।