देखिए एसपी साहब, आपकी ‘तत्पर’ काण्ड्रा पुलिस पेट्रोलिंग की ‘सजगता’!!
काण्ड्रा मेन रोड पर सरायकेला पुलिस की “इज्जत” सरेआम निजी उपयोग में!
राष्ट्र संवाद मृत्युंजय बर्मन,
कभी-कभी पुलिस की “सजगता” इतनी सुस्त, निढाल और बेखबर हो जाती है कि उसे अपनी ही “इज्जत” का होश नहीं रहता। काण्ड्रा मेन रोड का नज़ारा देखिए, जहां सुगम यातायात के लिए लगाए जाने वाले एक पुलिस बैरिकेटर को पिछले पांच दिनों से सिविल एरिया में एक धर्म कांटा संचालक ने अपने निजी उपयोग में टिका रखा है।
अब सवाल यह है कि आखिर यह पुलिस का बैरिकेटर निजी उपयोग में किस हैसियत से लगाकर रखा गया है! माना कि इसके निर्माण में पुलिस कोष का पैसा नहीं लगा, परंतु सीएसआर फंड से सरायकेला पुलिस को दिया गया सरकारी प्रतीक आखिर किसी निजी व्यक्ति की संपत्ति कैसे बन गया?
कानून के हिसाब से तो यह सिर्फ़ लापरवाही नहीं, दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 170 और 171 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि पुलिस जैसी पहचान, प्रतीक या चिह्न का उपयोग कर “भ्रम” उत्पन्न करता है, तो यह दंडनीय हो सकता है। यानी कि सरायकेला पुलिस लिखा बोर्ड निजी परिसर में लगाना सिर्फ़ दिखावे की बात नहीं, बल्कि सीधे-सीधे कानूनी जोखिम का खेल है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एसपी साहब की ‘तत्पर’ पुलिस पेट्रोलिंग टीम इसे देख नहीं पा रही या फिर जान-बूझकर “सतर्कता” की आंखों पर पट्टी बांधे हुए है! कम से कम अब तो काण्ड्रा पुलिस यह तय करे कि बैरिकेटर सड़क पर रहेगा या किसी धर्म कांटा का पहरेदार का बनकर खड़ा रहेगा।


