नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के नतीजे अब लगभग सामने आ चुके हैं. NDA गठबंधन को 293 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं INDIA ब्लॉक को 234 सीटें मिली हैं. इन नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी लगातार तीसरी बार बनी है. हालांकि बीजेपी को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका है. वहीं विपक्षी गठबंधन की 20 पार्टियों ने मिलकर 234 सीट जीत सकी है. वहीं भाजपा ने अकेले 242 सीटें पर जीत दर्ज की है. इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. इस बार विपक्ष की सीटें बढ़ी हैं.
इन नतीजों से संसद के माहौल में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. पहले जहां दस वर्षों से लोकसभा में भाजपा का एकक्षत्र राज चल रहा था. वहीं अब भाजपा के वह हालात नहीं हैं. अब लोकसभा में अकेले दम पर बिल पास कराना आसान नहीं होगा. वहीं कांग्रेस की स्थिति में बदलाव देखा गया है. जहां 2019 में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी तक नहीं बन पाई. वहीं अब 2024 में 100 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. दूसरी ओर भाजपा सरकार बनाने की तैयारियों में जुट चुकी है. भाजपा मुख्यालय में जीत के जश्न में पहुंचे पीएम मोदी ने इसे जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा, तीसरे कार्यकाल में देश बड़े फैसलों का नया अध्याय लिखने वाला है.
इस बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की भूमिका अहम होगी. पिछले साल INDIA ब्लॉक के गठन तक, भाजपा ने अपने कई सहयोगियों को खो दिया, जिनमें इसके सबसे पुराने सहयोगी, शिरोमणि अकाली दल (2020) और अविभाजित शिवसेना (2019) शामिल हैं. 18 जुलाई, 2023 को एनडीए ने एक बैठक की और घोषणा की कि इसमें 28 दल शामिल हैं. उस समय इंडियागठबंधन में 18 दल शामिल थे. इसके बाद के महीनों में, इसमें तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और टीआईपीआरए मोथा जैसे नए सदस्य शामिल हुए, लेकिन एआईएडीएमके जैसे कुछ सहयोगी चले गए.
2024 के लोकसभा के चुनाव के नतीजों में एक बार फिर से एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला है. मतगणना के करीब 12 घंटे बाद, टीडीपी ने अकेले 16 सीटें जीत ली हैं, जबकि एनडीए ने आंध्र प्रदेश में 25 में से 21 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा है. बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू 12 सीटें जीतने जा रही है, जो बीजेपी के बराबर है, हालांकि वह अपने सहयोगी की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ी थी.
नीतीश कुमार कब क्या फैसला लेंगे किसी को पता नहीं होता. विपक्षी गठबंधन को एक साथ लाने के प्रयासों का नेतृत्व करने के कुछ महीनों बाद नीतीश कुमार का एनडीए में शामिल हो गए. कई राजनीतिक जानकारों ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. उनका पॉलिटक्ल डेथ है. सीट बंटवारे में JDU को कम सीट मिली. कम सीटों पर लड़कर भी JDU ने बीजेके बराबर सीटें जीतीं हैं. उनका फ्लिप-फ्लॉप का इतिहास रहा है. ऐसे में बीजेपी भले ही ये दावा कर रही हो कि नीतीश कुमार उनके साथ हैं, लेकिन नीतीश की चुप्पी पर कई बड़े सवालों को जन्म दे रहा है.
2019 में तीन सीटें जीतने से लेकर इस साल 19 सीटें जीतने तक चंद्रबाबू नायडू ने शानदार वापसी की है. टीडीपी के कंधों पर सवार होकर, भाजपा ने भी एक ऐसे राज्य में तीन सीटें जीत हासिल की, जहां उसकी कोई मौजूदगी नहीं है. इसके अलावा, टीडीपी ने विधानसभा चुनावों में भी जीत दर्ज की है. 1990 के दशक के गठबंधन युग के दौरान एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल को मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नायडू के राजनीतिक विभाजन के पार भी दोस्त हैं. जबकि उनके बेटे नारा लोकेश सहित टीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि वे एनडीए के साथ बने रहेंगे, अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख द्वारा लिया जाएगा.