कोरोना के खतरे के बीच एहतियात ज़रूरी
देवानंद सिंह
कोरोना का खतरा एक बार फिर बढ़ गया। यह बेहद ही चिंताजनक है कि जहां सब चीजें पटरी पर लौट गई थीं, वही एक बार भी प्रतिबंधों की शुरुआत होने लगी है। भारत में अभी हालत नियंत्रित हैं, लेकिन जिस तरह चीन की स्थिति है, उसने पूरी दुनिया को मुश्किल में डाल दिया है। दुनिया को कोरोना जैसा वायरस देने वाला चीन जिन हालातों से गुजर रहा, वह बेहद ही चिंताजनक है। आने वाले दिनों में और भी बदतर हालात वहां हमें देखने को मिल सकते हैं। अभी स्थिति यह है कि चीन में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि वहां ऑक्सीजन की कमी भी देखी जा रही है। चीन के अस्पतालों में खून की कमी भी देखी जा रही है। आलम यह है कि ग्वांगझोउ शहर को इस कमी को पूरा करने के लिए एक दिन में 1,200 ब्लड डोनर्स की जरूरत है। इसे लेकर रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। देश में दवाओं की कमी भी देखी जा रही है। फार्मा फैक्ट्री के बाहर लोगों की लंबी लाइन देखी जा रही है।
इसी बीच चीन की सरकार ने मेडिकल सप्लाई प्रोडक्शन अपने हाथ में ले लिया है। यानी अब सरकार मेडिकल इक्यूपमेंट्स और दवाओं के प्रोडक्शन की निगरानी करेगी।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मामले को लेकर गंभीर दिख रहे हैं लगातार पदाधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दे रहे हैं उन्होंने कहा है कि झारखंड इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है
उधर, जापान में भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां 8वीं लहर आ चुकी है। शनिवार को टोकियो शिखर में यहां 18,731 नए कोरोना के मामले मिले हैं। 19 लोगों की मौत हुई। worldometers के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1 लाख 77 हजार नए केस आए हैं, इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया एक बार फिर दुनिया कोरोना के भयानक खतरे की तरफ बढ़ रही है। चीन की ही फिर से बात करें तो वहां विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अभी चीन में संभावित तीन लहरों में से पहली लहर चल रही है।
इसके बाद दूसरी लहर जनवरी माह के बीच आएगी। इस वक्त देश में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है, जिससे लाखों लोग देश में आते-जाते हैं। ऐसे में, मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है। इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं। ऐसे में, ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं।
तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है। इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं। ऐसे में, ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं।
चीन में कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने अनुमान लगाया है कि 2023 तक चीन में कोरोना के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी। ये अनुमान चीन में कोविड प्रतिबंधों के खात्मे के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं। रिपोर्ट की मानें तो चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना मामलों का पीक आएगा। उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है।
IHMI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मुर्रे के अनुसार अप्रैल तक चीन की एक तिहाई आबादी को कोरोना का संक्रमण हो चुका होगा। चीन का कहना है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है, लेकिन 80 साल की उम्र से ज्यादा के लगभग 50% लोगों का ही वैक्सीनेशन पूरा हुआ है। गंभीर इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा डर इन्हें ही है। इसकी बड़ी वजह लोगों का वैक्सीन पर भरोसा न होना है। कुछ में इसके साइड इफेक्ट्स नजर आ रहे हैं, जो बाकी लोगों को खुराक लेने के लिए डिमोटिवेट करते हैं। ये खासकर बुजुर्गों में ज्यादा हो रहा है। उधर, भारत में भी कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। धीरे-धीरे चीजें प्रतिबंधों की ओर बढ़ रही हैं। लगातार हाईलेवल मीटिंग्स हो रही हैं। इसकी बड़ी वजह लोगों का वैक्सीन पर भरोसा न होना है। कुछ में इसके साइड इफेक्ट्स नजर आ रहे हैं, जो बाकी लोगों को खुराक लेने के लिए डिमोटिवेट करते हैं। ये खासकर बुजुर्गों में ज्यादा हो रहा है। उधर, भारत में भी कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। धीरे-धीरे चीजें प्रतिबंधों की ओर बढ़ रही हैं। लगातार हाईलेवल मीटिंग्स हो रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि चीन, जापान, साउथ कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी होगा। यदि, इन देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो इन लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा। चीन में बढ़ते कोरोना वैरिएंट BF.7 के खतरे के बीच AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना की नई लहर आने का खतरा नहीं है, क्योंकि यहां के लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है। उन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल हालात ठीक हैं और यहां इंटरनेशनल ट्रैवल बैन करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले अनुभव बताते हैं कि इन्फेक्शन का संक्रमण रोकने में फ्लाइट्स को बैन किया जाना कारगर नहीं है। फिलहाल, यह समझना जरूरी है कोरोना के खतरे को बिलकुल भी हल्के में नहीं ले सकते हैं, क्योंकि भारत ने भी पिछली बार बहुत सारी जानें गवाईं हैं। सरकार अपनी तरफ से कोरोना के खतरे को रोकने के लिए उपाय तो करे ही, वही लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत होगी। लोग जागरूक रहेंगे तो निश्चित तौर पर कोरोना का खतरा कम होगा।
इधर जमशेदपुर में प्रशासन तैयार
*◆ कोरोना के चौथी लहर को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन, सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान प्रबंधकों के साथ बैठक*
*◆ एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, सिविल सर्जन, एसडीएम धालभूम, डीटीओ, डीसीएलआर, डीपीओ समेत जिला के अन्य वरीय पदाधिकारी रहे मौजूद*
*◆ सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध उपकरणों का ब्यौरा 25 दिसंबर तक मांगा गया, पीएसए प्लांट के मॉक ड्रिल कराने का भी निर्देश*
*▪️घबराने की आवश्यकता नहीं है, अपनी ओर से तैयारी दुरुस्त रखें… श्री नन्दकिशोर लाल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर*
*▪️बूस्टर डोज नहीं लेने वाले हेल्थ वर्कर जल्द टीकाकरण करायें… डॉ. साहिर पाल, सिविल सर्जन*
*▪️वर्तमान में जिले में करीब 250 बेड आईसीयू तथा 1000 ऑक्सीजन बेड कोविड मरीजों के लिए तैयार*