झामुमो के वादाखिलाफी से 126 गांव के खूंटकट्टी रैयत आज भी आंदोलनरत –
बिर सिंह बुड़ीउली
रामगोपाल जेना
चाईबासा झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र उड़ीसा के तिरिंग प्रखंड अंतर्गत कुलुगुटू पंचायत, मौजा रामबेड़ा में ग्रामीणों एंव ईचा डैम से प्रभावितों के साथ ईचा खरकई बांध विरोधी संघ,कोल्हान के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली की अध्यक्षता में जन जागरण सह जनाआंदोलन चलाया गया। और सचिव सुरेश सोय के द्वारा ईचा खरकई बांध से बचाओ के संवैधानिक स्वरूप पर चर्चा कर जागरूकता अभियान को सफलता पूर्वक संचालन किया गया। अभियान का नेतृत्व करते हुए संघ के अध्यक्ष ने कहा कि ईचा डैम से झारखंड और उड़ीसा के आदिवासी और मूलवासी विस्थापित हो रहें है।
झामुमो के वादाखिलाफी से 126 गांव के खूंटकट्टी रैयत आज भी आंदोलनरत हैं। संघ इसे रद्द करने के लिए झारखंड तथा उड़ीसा में संयुक्त समन्वय स्थापित कर अभियान चलाएगी । जनांदोलन चला कर झारखंड के 87 गांव और उड़ीसा के 37 गांव को संगठित करने काम कर करेगी। ताकि इस महाविनाशकारी ईचा डैम को रद्द किया जा सके।
मौजा के खूंटकट्टी अधिकारयुक्त रैयत, मौजा के मूल प्रवृत्तकों के वंशजों, बंदोबस्त रैयतों, अधिभोगी रैयतों या ग्राम के वास्तविक मूल भूस्वामियों के साथ स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना ( ईचा खरकई बांध परियोजना ) से उक्त ग्राम रामबेड़ा मौजा से विस्थापन के उपरांत ग्रामीणों के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय तथा धर्म उपासना, विश्वास की स्वतंत्रता संबंधी अधिकार, रोजगार एंव गरिमामयी जीवन जीने संबंधी अधिकारों पर पड़ने वाले कुप्रभावों के मद्देनजर ग्रामीणों को जान जागरण सह जनादोलन के माध्यम से जागरूक किया गया।
तथा इन बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अभियान में मुख्य रूप से हरीश चंद्र अल्डा, योगेश कालुंडिया,कृष्णा चंद्र बानरा,रविंद्र अल्डा, गुलिया कालुंडिया, मनसा बोदरा,मोती लाल कालुंडिया, हारे रकृष्णा कालुंडिया, मुकरू कालुंडिया,सुरेंद्र कालुंडिया,गंगाधर कालुंडिया,धनश्याम कालुंडिया,प्रताप कालुंडिया,आंदोलकारी और खुटंकट्टी रैयतगण आदि उपस्थित थे।