गढ़वा : सोमवार देर शाम कांडी कॉलेज रोड में बुलबुल कुमारी पिता समरेश सिंह 12 वर्ष साइकिल से गिरकर घायल हो जाती है। मौके पर बेहोश पड़ी लड़की को लेकर आजू-बाजू के लोग कांडी अस्पताल पहुंचते हैं। मां अंजू देवी को इसकी सूचना मिलने पर वह भी रोते हुए अस्पताल पहुंचती है। स्थानीय डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के रूप में मरीज को सुईयां लगाई। लेकिन उसे होश नहीं हुआ। इधर मरीज की मां अंजू देवी, कांडी पंचायत के मुखिया विजय राम, पंचायत समिति सदस्य ममता देवी के प्रतिनिधि अनूप कुमार लगातार 108 एंबुलेंस के लिए उसके कार्यालय रांची में बात करते हैं। काफी देर के बाद वहां बात हो पाती है। वहां के प्रभारी ने 108 के ड्राइवर को कॉन्फ्रेंस पर लेकर बात कराई।
लेकिन ड्राइवर ने सीधे मुंह अपनी स्थिति एवं आएंगे कि नहीं आएंगे नहीं बताया। इसी हाल में 40 मिनट बीत गए। उधर लड़की बेहोश पड़ी रही। अंत में प्राइवेट बोलेरो मंगा कर महंगे किराया पर मरीज को ले जाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझिआंव में डॉक्टर ने उसका इलाज किया। मरीज की मां अंजू देवी ने बताया कि 2 बजे रात में बुलबुल की स्थिति में सुधार होने पर उसे घर लेकर वापस आए। मालूम हो कि 16 पंचायत के कांडी प्रखंड मुख्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में एकलौता अस्पताल अवस्थित है। 2 महीना पहले तक यहां एक एंबुलेंस था। जिसे किसी प्रकार बार-बार मरम्मती करा कर चलाया जा रहा था। वह भी 2 महीना पहले पूरी तरह जवाब दे दिया।
उसके चालक राजू मेहता ने बताया कि कांडी अस्पताल से प्रतिदिन दो से चार-पांच मरीज तक बाहर रेफर किए जाते हैं। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माझिआंव या सदर अस्पताल गढ़वा ले जाना पड़ता है। यदि गंभीर मरीज हुआ तो वहां से जिला के एंबुलेंस से उसे रिम्स रांची भेजा जाता है। लेकिन उपलब्ध एंबुलेंस के ब्रेकडाउन हो जाने के बाद कांडी में एक भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में वह भवनाथपुर में ड्यूटी कर रहा है।
सीएम से भी लगाई गुहार…..
इस संबंध में स्थानीय युवा समाजसेवी दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान सचिव शशांक शेखर ने कहा कि कांडी में एंबुलेंस की सख्त जरूरत को लेकर उन्होंने विभाग को लगातार आगाह किया है। शशांक ने कहा कि इस समस्या को लेकर उन्होंने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ट्वीट किया है। लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। कहा कि अभी जिला को 12 एंबुलेंस मिले। लेकिन एंबुलेंस विहीन कांडी को एक भी गाड़ी नहीं दी गई।
क्या कहते हैं सीएस…..
इस समस्या की जानकारी जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिंह को दी गई। इस विषय में उन्होंने कहा कि एंबुलेंस के नहीं मिलने पर ममता वाहन से मदद ली जा सकती है। नए एंबुलेंस के विषय में पूछने पर कहा कि अभी केवल सीएचसी को एंबुलेंस दिया गया है।