राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2021 के अवसर पर कृषक संसाधन सह सूचना केंद्र, जामताड़ा में अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, जामताड़ा श्री सुरेश चंद्र जायसवाल ने किया कार्यशाला /जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ; उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों एवं संबंधित विषय पर लोगों को दी गई जानकारी।
∆ *उपभोक्ताओं के अधिकारों के अतिरिक्त ई दाखिल प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया*
आज दिनांक 24 दिसम्बर 2021 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 एवं ई दाखिल के प्रावधानों पर कार्यशाला का आयोजन अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, जामताड़ा, श्री सुरेश चंद्र जायसवाल के द्वारा किया गया।
उक्त कार्यक्रम में अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष 24 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 24 दिसम्बर, 1986 को उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 को महामहिम राष्ट्रपति ने मंज़ूरी दी थी। कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 भारत में उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह अधिनियम काफी महत्वपूर्ण था। इस अधिनियम के द्वारा ख़राब वस्तु व सेवा तथा असंगत व्यापार इत्यादि से उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। इस अधिनियम को पुनः संशोधन कर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लाया गया जिसे जुलाई 2020 में लागू किया गया है। उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण से संबंधित प्रावधान प्रक्रियाओं से अवगत कराया तथा उपस्थित लोगों के सवालों का जवाब देकर उपभोक्ताओं के जिज्ञासाओं का समाधान किया।
उन्होंने बताया कि कोई भी, जो सामान या सेवाएं खरीदता है और बदले में उनके लिए भुगतान करता है उपभोक्ता हो सकता है । उपभोक्ताओं के हितों के लिए सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, चुनने का अधिकार, सुनने का अधिकार, निवारण का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार, अर्थात् उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा 6 बुनियादी अधिकारों की गारंटी दी गई है।
अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, जामताड़ा ने विस्तार से बताया कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अदालतें (कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन) हैं। नए कानून में क्षेत्राधिकार को बढ़ाया गया है। अब जिला आयोग में 1 करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई किया जा सकेगा।
कार्यालय सहायक श्री प्रियनाथ मिश्र ने ई दाखिल के बारे में विस्तार से बताया। पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से इसके लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता कहीं से भी ऑनलाइन उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकता है। उपभोक्ताओं के नजरिए से यह बड़ी राहत है। पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था, जहां विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। ई-कॉमर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह बढ़िया कदम है। उन्होंने आगे कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग में खामी या खराब सेवाओं से अगर उपभोक्ता को नुकसान होता है तो उसे बनाने वाली कंपनी को हर्जाना देना होगा।
इस मौके पर उपरोक्त के अलावे लिपिक श्री रतन पुजहर, कार्यालय सहायक श्री प्रियनाथ मिश्र, किसान मित्र सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।