सावन उत्सव में विद्यार्थियों ने प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने का संदेश दिया
रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में आज विद्यार्थियों ने सावन उत्सव का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि हम सावन में प्रकृति की हरीतिमा और उसकी समृद्धि का उत्सव मनाएं क्योंकि हमारा देश कृषि प्रधान है और हम प्रकृति को ईश्वर की तरह पूजते हैं।
इस उत्सव में छात्र-छात्राओं ने समूह नृत्य ,एकल नृत्य और लोक गीत की प्रस्तुति के साथ ही मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की । छात्र-छात्राओं ने बेलपत्र और सफेद पुष्प से भी सुसज्जित वस्तुओं का निर्माण किया। प्रकृति की सुंदरता पर केंद्रित स्वरचित कविताओं का भी पाठ किया गया। दुल्हन के साज श्रृंगार पर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई,
जिसमें विभिन्न संस्कृतियों में दुल्हन की परंपरागत सजावट को अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में सावन के मौसम से जुड़े कुछ विषयों पर जैसे
बादल ,चूड़ियां, मेहंदी ,काजल ,बूंदे रिमझिम इत्यादि विषयों पर विद्यार्थियों ने गीत गाकर कार्यक्रम को सुरीला बना दिया ।
इस दौरान प्रकृति के सानिध्य को महसूस कराते हुए ” कुकिंग विदाउट फायर एक्टिविटी” का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बिना अग्नि का प्रयोग किए खाद्य सामग्रियों का निर्माण किया ।
बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए चेयरमैन श्री राम बचन ने कहा कि सावन माह का संदेश सकारात्मक सोच के साथ समस्त मानव के कल्याण की बात करना है।
सचिव गौरव बचन ने कहा कि उत्सव से हम ऊर्जा लें और कर्म क्षेत्र में इस ऊर्जा को लगायें, तभी इस समारोह की सार्थकता होगी। प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि सावन माह की प्रकृति हमें विषम परिस्थितियों में भी संतुलित रहने की सीख देती है। व्याख्याता गंगा भोला, व्याख्याता सुमन लता, व्याख्याता अमृता सुरेन ने भी अपना वक्तव्य दिया।
सावन उत्सव का संचालन छात्रा रेणुका झा,नीतू कुमारी और संदीप कुमार ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य डॉ संतोष कुमार, डॉ भूपेश , डॉ सतीश, डॉक्टर दिनेश, व्याख्याता सुमनलता, व्याख्याता अमृता सुरेन, व्याख्याता गंगा भोला, व्याख्याता रश्मि लुगून, व्याख्याता बबीता, व्याख्याता मंजू गगराई, व्याख्याता ऐश्वर्या कर्मकार, सिद्धार्थ चटर्जी ,कमलकांत ,राधे इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।