प्रोत्साहन राशि के वितरण में बरती गई पूरी पारदर्शिता : स्वास्थ्य मंत्रालय
कुल 94 में से 93 पदाधिकारियों व कर्मियों को भुगतान में 37 लाख रूपये का व्यय किया गया
विधायक सरयु राय के आरोपों पर सरकार ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
जमशेदपुर। विधायक सरयु द्बारा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोरोना के दौरान अपने 59 चहेतों को दी 63 लाख की प्रोत्साहन राशि देने के आरोप के मद्देनजर झारखंड स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने नोटिसफिकेशन जारी किया है, जिसमें विस्तार से बताया गया कि कोरोना के दौरान किस तरह प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया। मंत्रालय द्बारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि मंत्री, सचिव, कोषांग कर्मियों, सभी अंगरक्षक सहित 60 पदाधिकारियों और कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के भुगतान को स्वीकृति दी गई, जिसका कुल अनुमानित व्यय 14 लाख 59 हजार रूपये के आसपास रहा, जबकि स्वास्थ्य विभाग के कार्यरत 94 पदाधिकारियों, कर्मियों, प्रतिनियुक्ति के रूप में कार्यरत कर्मियों, गृह रक्षकों, आउटसोर्स पर कार्यरत कम्युटर ऑपरेटरों को प्रोत्साहन राशि भुगतान के लिए तीन सदस्यीय समिति द्बारा अनुशंसा के बाद कुल 94 में से 93 पदाधिकारियों व कर्मियों को भुगतान में 37 लाख रूपये का व्यय किया गया। वहीं, 1 मई 2021 को पूरे राज्य के लिए कुल 103 करोड़ रूपये अनुमानित व्यय का आकलन किया गया। वहीं, 10 जुलाई 2021 को पूरे राज्य के लिए 16 करोड़ 25 लाख रूपये व्यय का आकलन किया गया। मंत्रालय द्बारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि यह प्रक्रिया नियमों के तहत ही की गई है। और यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों को 37 लाख का ही भुगतान किया गया है।
दरअसल, मंत्रालय द्बारा यह प्रेस विज्ञप्ति एक दैनिक अखबार में छपी उस खबर के आलोक में जारी की गई है, जिसमें विधायक सरयु राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आई राशि खुद मंत्री बन्ना गुप्ता द्बारा लिए जाने का आरोप लगाया गया है। विधायक सरयू राय ने इसे राजकोष का दुरूप्रयोग मानते हुए स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह मामला कोरोनाकाल में प्रोत्साहन राशि भुगतान किए जाने से संबंधित है। सरयू राय ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना काल में प्रोत्साहन राशि मद में 92.99 लाख रूपये की अवैध निकासी की गई, जो विभागीय कदाचार एवं वित्तीय अनियमितता का मामला है। उधर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के राजनैतिक सलाहकार जम्मी भास्कर ने विधायक सरयु राय द्बारा लगाए गए आरोप पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि इस तरह का आरोप राज्य के सभी चिकित्सा एवं राहतकर्मियों की सेवा का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री ने कोरोना के दौरान रात-दिन मेहनत की। वह अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवा की व्यवस्था की निगरानी करते हुए राहत कार्यों में डटे रहे। वह इस दौरान दो बार कोरोना पॉजीटिव भी हुए। उनके निजी स्टॉफ एवं सुरक्षाकर्मी भी पॉजीटिव हुए थे। ऐसे में, सेवा कार्यों में समर्पित राहतकर्मियों को दी गई पुरस्कार राशि पर सवाल खड़े करना उन्हें हतोत्साहित करने के समान है।