कानून बनाकर 86 बस्ती के लोगों के लिए पूर्ण मालिकाना हक दें सरकार : पूर्णिमा साहू
विधानसभा में गूंजा 86 बस्तियों के मालिकाना हक का मामला
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने विधानसभा में 86 बस्ती के लाखों निवासियों के लिए पूर्ण मालिकाना हक की मांग को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने सरकार से अपील की कि कानून बनाकर इन बस्तियों के लोगों को स्थायी अधिकार दिया जाए। शनिवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि वर्ष 2018 में हमारी सरकार ने 86 बस्ती में लीज के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन बस्तीवासी लीज नहीं, बल्कि पूर्ण मालिकाना हक चाहते हैं। यहां रहने वाले लोग दशकों से इसी जमीन पर बसे हुए हैं। जिनमें आदिवासी, दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं। विधायक पूर्णिमा साहू ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने गत विधानसभा चुनाव के दौरान बस्तीवासियों से मालिकाना हक देने का वादा किया था। स्वयं विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने जमशेदपुर के पूर्वी विधानसभा में अपनी चुनावी सभा में इस मांग का समर्थन करते हुए मालिकाना हक देने का वादा किया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ चुनावी लाभ के लिए झूठा वादा किया गया था, या सरकार इसे वास्तविकता में बदलने के लिए गंभीर है।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपील करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि तीन लाख से अधिक गरीब और मेहनतकश परिवारों के जीवन से जुड़ा हुआ मामला है। जब पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस मांग का समर्थन कर रहे हैं तो ऐसे में सदन को चाहिए कि वह एकमत होकर कानून बनाकर बस्तीवासियों को पूर्ण मालिकाना का हक दिलाएं।
विधायक पूर्णिमा साहू ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे आगे बढ़कर इस मानवीय मुद्दे पर फैसला लें और इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को पूर्ण मालिकाना हक देकर उन्हें स्थायी राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बस्तीवासियों का संघर्ष अब और लंबा नहीं खिंचना चाहिए, बल्कि इसमें सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए शीघ्र ठोस कदम उठाना चाहिए।