नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर पूरे उत्तर प्रदेश में गैंगस्टरों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत गैंगस्टरों को आर्थिक और कानूनी रूप से दंड दिया जा रहा है। इसी क्रम में गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट भी एक्शन में है। यहां विशेष न्यायाधीश ने गैंगस्टरों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। न्यायाधीश इस गैंगस्टर अभियान के खिलाफ फास्ट ट्रेक कोर्ट की तरह काम कर रहा है। जानकारी के अनुसार विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) मोना पवार ने अप्रैल महीने में 14 केस में से 17 गैंगस्टर को सजा सुनाई है। यह अभी तक ऐसा पहली बार हुआ है कि एक महीने में इतने गैंगस्टर को सजा सुनाई गई हो। बताया जा रहा है कि जल्द ही बाकी के गैंगस्टर एक्ट के केसों में भी फैसला लिया जाएगा। इसी के साथ गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत आने वाली 15 जमानत की याचिकाओं को खारिज किया गया है। केवल 7 आरोपियों की जमानत की याचिका को न्यायाधीश द्वारा स्वीकार किया गया। सेक्टर-20 थाना प्रभारी के एक आरोपी को बैंक सेक्टर के केस में वारंट जारी होने के बाद और जेवर थाना प्रभारी को साक्ष्य पेश करने में देरी होने पर कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है।
एडीजीसी बबलू चंदेल ने बताया कि गैंगस्टर के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) मोना पवार की कोर्ट में 1,500 से अधिक पत्रवालियों पर सुनवाई की जा रही है। न्यायाधीश द्वारा तेजी के साथ सभी पत्र वालों पर सुनवाई की जा रही है। वहीं, पुलिस प्रभारी पैरवी कर रहे हैं। 25 पत्रवालियों पर अप्रैल महीने में चार्ज लगाया गया है। जिनमें से 14 केस में गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाए जाने वाले 17 गैंगस्टर को सजा सुनाई गई है। बाकी की पत्रवालियों पर सुनवाई जारी है।
उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि केवल अप्रैल महीने में ही दादरी थाने पर वर्ष 2000 में दर्ज कराए गए केस में मेरठ खरखौंदा के निवासी सलीम को बरी किया गया है। जिन केसों में सजा हुई है, उनमें गैंगस्टर अनिल को चार, विक्रम को साढ़े तीन, अक्षय को भी साढ़े तीन, विशाल को साढ़े तीन, सनी को साढ़े छह,विवेक को साढ़े छह, फिरोज को तीन साल दो माह, रियासुद्दीन को ढाई साल, महेंद्र को सवा 3 साल, निसार को सवा 3 साल, अमित को चार साल, अरुण को ढाई साल, जाकिर को ढाई साल, विशाल को साढ़े तीन साल, मौज्जिम को ढाई साल, सचिन को साढ़े तीन साल और गैंगस्टर सुमित दो साल चार माह की सजा दी गई है।