राष्ट्र संवाद नजरिया : DSO राजीव रंजन साहब !वैक्सीनेशन सेंटर बनाने में विभागीय सामंजस्य से ही अव्यवस्था का आलम होगा खत्म
देवानंद सिंह
जमशेदपुर।
डीसी सूरज कुमार तक देर रात तक कोरोना की स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं परंतु उन्हें भी अंधेरे में रख रहे हैं राजीव रंजन
एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कोविड वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि जितनी जल्दी हो सके, राज्य में सभी लोगों को कोविड वैक्सीन लग जाए, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार के इस अभियान को झटका लग रहा है, लिहाजा, न केवल लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि वैक्सीनेशन अभियान में भी तेजी लाने में दिक्कत हो रही है। ऐसे ही, एक अधिकारी हैं, जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन। वैसे तो इन्हें एसडीओ को सहयोग करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। कहां-कहां वैक्सीनेशन सेंटर बनेगा, सारी जिम्मेदारी इन्हीं की है, लेकिन इनकी मनमानी की वजह से शहर में वैक्सीनेशन अभियान बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आलम यह है कि ये सिविल सर्जन से भी सामंजस्य नहीं बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इनके वाणी से व्यथित है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर बी एन उषा इनसे बात करने में भी कतराते हैं इनके व्यवहार से यह खुद तय करते हैं कि कहां सेंटर बनेगा स्वास्थ्य विभाग अगर कुछ सुझाव देता है तो उस पर अमल नहीं करना इनकी फितरत में शामिल हो गया है यानि सेंटर कहां बनाया जाएगा, कहां नहीं बनाया जाएगा, इनको लेकर अपनी पूरी मनमानी चला रहे हैं।
इसी तरह का एक प्रकरण केबुल टाउन गोलमुरी का सामने आया है केबल बॉयज क्लब के अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजीव रंजन ने दूरभाष पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है मेरे यहां जो सेंटर लगा था मेरे बार-बार आग्रह करने के बाद भी यहां सेंटर नहीं दिया जा रहा है अनिल ठाकुर ने राष्ट्र संवाद को बताया कि इनकी लालफीताशाही के कारण हमारे सेंटर से हजारों लोगों को वैक्सीनेशन से वंचित होना पड़ रहा है हम लोग इसकी शिकायत भी स्वास्थ्य मंत्री और उपायुक्त से करेंगे
बता दें कि झारखंड सरकार वैक्सीनेशन को लेकर काफी गंभीर है। कोरोना काल में सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से लेकर डीसी सूरज कुमार तक देर रात तक कोरोना की स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं, क्योंकि सरकार का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन पूरा किया जाए, जिससे कोरोना जैसी महामारी पर जितनी जल्दी हो, विजय पाई जा सके। डीसी सूरज कुमार लगातार इस अभियान को सक्रियता से आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन नोडल अधिकारी जिस तरह वैक्सीनेशन सेंटरों के निर्माण को लेकर मनमानी कर रहे हैं, सिविल सर्जन तक से सामंजस्य नहीं बना रहे हैं, उससे लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि पहली वैक्सीन लगाने के लिए जो सेंटर बनाए गए थे, उन्हें दूसरी वैक्सीन लगाने के लिए बदल दिया जा रहा है, जिससे लोगों को समझ ही नहीं आ रहा है कि वे वैक्सीन कैसे लगाएं, क्योंकि इतने दूर-दूर सेंटर बनाए जा रहे हैं कि लोगों का वहां तक जाना काफी मुश्किल हो रहा है। लोगों के बीच इसको लेकर भारी रोष है, उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलने की कोशिश भी की थी, लेकिन वह किसी काम से दिल्ली निकल गए थे। लोगों की कोशिश है कि वह राजीव रंजन के खिलाफ उच्च अधिकारियों व पदाधिकारियों को शिकायत करें, जिससे इनकी मनमानी पर रोक लगाई जा सके और वैक्सीनेशन अभियान को बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
बहरहाल अगर राजीव रंजन के मनमानी पर रोक नहीं लगी तो आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन सेंटर के कारण हजारों लोग टीकाकरण से वंचित रह जाएंगे
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