नई दिल्ली. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज सुबह इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं. वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे.
कुमार ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा, मामले में विचार करने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि मौजूदा हालात में और मेरी गरिमा के अनुरूप, मैं पार्टी से बाहर राष्ट्रीय कारणों को बेहतर ढंग से आगे बढ़ा सकता हूं. उन्होंने लिखा, 46 साल के लंबे साथ के बाद मैं पार्टी छोड़ रहा हूं और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कल्पना किए गए उदारवादी लोकतंत्र के वादे के आधार पर बने परिवर्तनकारी नेतृत्व के विचार से प्रेरित सार्वजनिक कारणों को सक्रिय रहकर आगे बढ़ाने की उम्मीद करता हूं.
द ट्रिब्यून के अनुसार, कुमार ने पार्टी में नेतृत्व की कमी को इस फैसले का कारण बताया है. उनकी दो पीढिय़ां कांग्रेस से जुड़ी रहीं. कुमार का कहना है कि कांग्रेस दोबारा खुद को खोजने नहीं पाई और पतन जारी रहा. इसके अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को लेकर हुए विवाद और गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण ने भी उनके इस फैसले में बड़ी भूमिका निभाई है.