बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात ‘मोंथा’ ने जादूगोड़ा _ नरवापहाड़ में में बरपाया कहर, दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ खेत में लगी खड़ी फसल पानी में डूबी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जादूगोड़ा : बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात ‘मोंथा’ ने जादूगोड़ा व उसके आस _ पास में भारी तबाही मचाई है। इधर मंगलवार शाम से लगातार रिमझिम या जोर _ दार बारिश ने जहाँ मौसम को ठंडा कर दिया है, वहीं खेती में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है। व पानी में डूब गई है। जिससे क्षेत्र के किसानों और आम जनता की चिंताएँ कई गुना बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि यह बारिश 1 नवंबर तक जारी रह सकती है।धान की कटाई के ठीक वक्त आए इस चक्रवात ने अन्नदाताओं को परेशान कर दिया है। खेतों में खड़ी और कटी दोनों फसलें अब बर्बादी के कगार पर हैं।
पकी फसल पर संकट: अधिकांश इलाकों में धान पक चुका है। किसान बारिश से बचाने के लिए कटी हुई फसल को खलिहानों में समेटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश उनके प्रयासों को नाकाम कर रही है।
फसल ज़मीन पर गिरी: कई जगहों पर बारिश और हवा के कारण धान की फसल गिर गई है। किसानों का कहना है कि अगर अगले दो दिनों में मौसम नहीं सुधरा तो पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएगी।मौसम विभाग का अनुमान है कि तूफान का असर हल्का रहेगा, लेकिन बारिश की मात्रा फसलों के लिए भारी पड़ सकता है।बारिश का असर अब आम जनता की थाली तक पहुँच गया है। सब्जियों के दामों में अचानक भारी उछाल देखा जा रहा है। अब बाजार में कोई भी हरी सब्जी 60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं मिल रही। विक्रेताओं ने बताया कि पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश से खेतों में सब्जियां सड़ गईं, जिससे आपूर्ति घट गई और कीमतें आसमान छूने लगीं। गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए अब हरी सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है।


