विशेष पदाधिकारी के चुप्पी पर सवाल
देवानंद सिंह
JNAC की मौजूदा स्थिति से अवगत कराने से पहले यह बताना जरूरी हो जाता है कि इसकी नींव कब और कैसे हिलना शुरू हुआ जैसे ही विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने योगदान दिया सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत अवैध धंधों का फलना फूलना शुरू हुआ योगदान के समय तो विशेष पदाधिकारी ने लंबी लंबी बातें से पत्रकारों को आकर्षित किया हालांकि पदभार ग्रहण करते समय एक पत्रकार ने यह पूछ लिया कि आज ही नोटिफिकेशन निकला और आज ही आपने योगदान दिया इस बात पर वे भड़क गए किसी तरह मामले को शांत कराया तत्कालीन विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने उसके बाद इन्होंने क्षेत्र का निरीक्षण करना शुरू किया और फिर यहीं से शुरू हुई गोरखधंधा का खेल
पिछले दिनों धार्मिक स्थल हनुमान मंदिर या शिवलिंग का मामले हो रात के 12:00 बजे या दोपहर के 12:00 बजे जेएनएसी के पदाधिकारी मुस्तैदी के साथ अपना काम करती है और उसे छत विहीन जड़ विहीन करता है उसी स्थान से 200 मीटर दूर बहुमंजिला इमारत खड़ी होती है और JNAC के पदाधिकारी को इस ओर ध्यान नहीं जाता
विशेष पदाधिकारी के योगदान देने के बाद कई ऐसे विवादित मामले सामने आए हैं कई ऐसे नक्शे पास हुए हैं जिस पर सवालिया निशान हैं यूं तो विशेष पदाधिकारी संजय कुमार अपने आप को हरिश्चंद्र मानते हैं तो फिर अवैध तरीके से कैसे हो रहे हैं निर्माण कैसे नक्शे हो रहे हैं पास किस तरह गोरख धंधा चल रहा है कार्यालय में सवाल पर इनकी चुप्पी बहुत कुछ कह रही है
व्यस्त पदाधिकारी की व्यस्तता:-
क्रमश: