नई दिल्ली. आपका पीएफ का पैसा अब इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट और बॉन्ड में भी लगेगा. ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने सालाना डिपोजिट के 5 फीसदी तक इन निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में लगाने की इजाजत दे दी है. बोर्ड की 20 नवंबर की बैठक में इसका फैसला किया गया.
श्रम और रोजगार सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि बोर्ड ने हमें वैक्लिपक निवेश फंड्स में निवेश की इजाजत दे दी है. इनमें सरकार समर्थित इंस्ट्रूमेंट्स कैटेगरी जैसे पब्लिक सेक्टर के INVITS शामिल हैं. इससे ईपीएफओ को निवेश के डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिल सकता है.लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसमें जोखिम भी है. हालांकि InvITS में निवेश की इजाजत केस-टु-केस बेसिस पर निर्भर करेगा. इसकी इजाजत फाइनेंस इनवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी करेगी.
केंद्र सरकार ने ईपीएफओ का पैसा अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट में निवेश करने की इजाजत इस साल की शुरुआत में ही दे दी थी.लेकिन नोटिफिकेशन मार्च में बोर्ड की पिछली बैठक के बाद ही जारी किया गया. दरअसल ईपीएफओ का कोष बढ़ रहा है और इसके निवेश को डाइवर्सिफाई करने की जरूरत है. दूसरी ओर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लॉन्ग टर्म फंड की भी जरूरत होती है. इस हिसाब से यह इस सेक्टर के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि उसे लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए पैसा मिल जाता है. बैंकों में बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को फाइनेंस करने की क्षमता नहीं रखते.
InvIT एक वैकल्पिक निवेश फंड है, जो म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करता है. InvITs इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को एक सिगल एंटिटी के तहत अपने एसेट मोनेटाइज करने का विकल्प देता है. सेबी इसे रेगुलेट करता है. इसके अलावा एसएमई फंड और सोशल वेंचर फंड भी वैकल्पिक निवेश फंड के तहत आते हैं.