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    Home » Budget 2019 : अंतरिम बजट से कॉरपोरेट सेक्‍टर गायब , फिर भी कारोबारी खुश
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    Budget 2019 : अंतरिम बजट से कॉरपोरेट सेक्‍टर गायब , फिर भी कारोबारी खुश

    Devanand SinghBy Devanand SinghFebruary 2, 2019Updated:December 2, 2021No Comments2 Mins Read
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    लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने हर सेक्‍टर के लोगों को राहत दी है. किसानों को एक निश्चित रकम देने का ऐलान किया गया है तो असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए एक खास पेंशन स्‍कीम लॉन्‍च किया गया है. वहीं सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु, छोटे और मध्यम इंडस्‍ट्री (एमएसएमईज) का भी ध्‍यान रखा गया है. हालांकि बड़ी इंडस्‍ट्री को कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती समेत कई उम्‍मीदें थीं, लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लगी.

    ये थी मांगें

    बड़ी इंडस्‍ट्री को उम्मीद थी कि कॉर्पोरेट टैक्स में राहत मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वहीं, एल्‍यूमीनियम इंडस्‍ट्री की ओर से आयात पर अंकुश लगाने के लिए प्राइमरी एल्यूमीनियम और स्क्रैप मेटल दोनों पर मौजूदा सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी कर देने की मांग की जा रही थी.जबकि ऑयल एंड एनर्जी सेक्‍टर की निवेश पर जोर देने की मांग थी. बायोफ्यूल/बायोडीजल संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक मशीनों के आयात पर जीरो शुल्क कर देने की मांग की गई थी. इस बजट में बायोफ्यूल/बायोडीजल संबंधी सभी उत्पादों पर जीएसटी की न्यूनतम दर 5 फीसदी करने की मांग थी.

    फिर भी कारोबारी खुश

    इंडस्‍ट्री की तमाम मांगें पूरी नहीं होने के बाद भी किसानों और मध्‍यम वर्ग को मिली राहत से बड़े कारोबारी खुश हैं. अडाणी समूह के चेयरमैन एवं संस्थापक गौतम अडाणी ने ट्वीट किया, ‘मध्यम वर्ग, छोटे कारोबारी और किसान आर्थिक वृद्धि की जीवनरेखा हैं. बजट 2019 में लाखों सपनों को पूरा करने का प्रयास किया गया है.’ वहीं महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का कहना है कि मध्यम वर्ग और किसानों को अर्थव्यवस्था को दिवालियापन के जोखिम में डाले बिना राहत दी गई है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के मुताबिक बजट 2019-20 में मांग और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सही बिंदुओं को छुआ गया है.

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