रघुवर ने भरी हुंकार, कहा- झारखंड की अस्मिता और संस्कृति पर हो रहा हमला
सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है तो हम सड़कों पर उतरकर संघर्ष शुरू करेंगे: रघुवर दास
पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी करेगी: रघुवर दास
*सदस्यता लेने से पूर्व आज धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।*
राष्ट्र संवाद संवाददाता
रांची: रघुवर दास ने झारखंड में एक नया इतिहास रचा था, वे झारखंड एकमात्र सीएम हैं जिन्होंने ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. हालांकि अक्टूबर 2024 में उन्हें पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा. वे ओडिशा के राज्यपाल बनाए गए थे. लेकिन 14 महीने बाद रघुवर दास एक बार फिर बीजेपी में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में आ गए हैं वे हमेशा से कहते हैं वह सीएम थे सीएम हैं सीएम रहेगें
रांची में पार्टी ज्वाइन करने जब रघुवर दास पहुंचे तो समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. भाजपा कार्यालय में आयोजित सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम को भव्य रूप दिया गया. यहां पार्टी समर्थकों के बीच रघुवर दास मोटरसाइकिल पर सवार होकर पहुंचे. उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की खुशी में कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की
भाजपा में दोबारा शामिल होने के बाद रघुबर दास ने कहा- झारखंड में जल्द सत्ता में वापसी करेंग
पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी करेगी: रघुवर दास
विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद दास ने सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए पिछले साल 24 दिसंबर को ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा विधानसभा चुनाव में राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन को हराने में विफल रही थी।
इस अवसर पर दास ने कहा कि वह 1980 के बाद दूसरी बार पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके बहुत खुश हैं और वह लोगों की सेवा करेंगे।
वर्ष 2023 में ओडिशा के राज्यपाल का पद संभालने के बाद उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी।
*दास ने कहा, “2024 के विधानसभा चुनावों में, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक सभी पार्टी सदस्यों ने ईमानदारी से प्रयास किया, लेकिन हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। हमें परिणामों से निराश नहीं होना चाहिए। हम जल्द ही वापसी करेंगे।”*
उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता ने झामुमो गठबंधन को जनादेश दिया। हम जनादेश का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार लोगों से किए गए वादों को पूरा करेगी। हम उन्हें अपने वादों को पूरा करने के लिए दो-तीन महीने का समय देंगे। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो हम सड़कों पर उतरकर संघर्ष शुरू करेंगे।”
वर्ष 2014 से 2019 तक झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे दास को राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद 18 अक्टूबर, 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
दास एक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा में शामिल हुए थे और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। उन्हें पहला मौका अविभाजित बिहार में 1995 के विधानसभा चुनावों में जमशेदपुर (पूर्व) से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने पर मिला।
उन्होंने पांच बार इस सीट से जीत हासिल की। झारखंड के निर्माण के बाद वह बाबूलाल मरांडी सरकार में पहली बार मंत्री बने। इसके बाद अर्जुन मुंडा की दो सरकारों में भी वह मंत्री रहे। साल 2009 में शिबू सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में वह उपमुख्यमंत्री रहे।