दयानंद कश्यप की रिपोर्ट
बेगुसराय :राज्य के नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए सरकार एवं शिक्षक संगठन आमने-सामने लड़ने के विचार में आ चुकी है। एक तरफ जहां कई शिक्षक संगठन एवं शिक्षक अभ्यर्थियों ने न्यायालय के तरफ अपना रुख किया है तो दूसरी ओर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ अपने चौथे चरण के आंदोलन में जनप्रतिनिधि एवं आम जनों से हस्ताक्षर समर्थन लेने में जुटी हुई है।न्यायालय ने इस संदर्भ में सरकार से जवाब मांगते हुए 29 अगस्त अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।इधर तेघरा अनुमंडल अंतर्गत नगर परिषद तेघड़ा, नगर परिषद बरौनी, बरौनी 3 बरियारपुर आदि क्षेत्रों में शिक्षक संगठन से जुड़े शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों से हस्ताक्षर एवं समर्थन जुटाया।शैक्षिक परिषद बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ जिला संयोजक अपना शास्त्री के नेतृत्व में शिक्षक श्री राम सिंह,भुवनेश्वर दास,नितेश कुमार,रामचंद्र पोदार एवं मंसूरचक प्रखंड सचिव धर्मेंद्र कुमार सहित दर्जनों शिक्षकों ने बरौनी नगर7 परिषद, बरौनी 3 पंचायत,बरियारपुर आदि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कराया।शिक्षक संगठन के मांगों का समर्थन करते हुए जिला परिषद क्षेत्र संख्या 17 के जिला पार्षद प्रवीण शेखर बिक्कू ने कहा कि किसी भी सरकार को जनभावना एवं सामाजिक सरोकार का जरूर ख्याल रखना चाहिए। एक तरफ बिहार के लाखों शिक्षक वर्षों से समाज की उन्नति के लिए अपना श्रम सहयोग दे रहे है तो दूसरी और सरकार को भी शिक्षकों के मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए बिना शर्त राज्य करने का दर्द है देना चाहिए।जनप्रतिनिधि समर्थन हस्ताक्षर अभियान का नेतृत्व कर रहे हो ना शास्त्री ने कहा कि वर्तमान सरकार निरंकुशता की पराकाष्ठा को पार कर चुकी है अंबेडकर के सिद्धांतों को भुला कर के अपनी मनमर्जी से निर्णय ले रही है। जनप्रतिनिधियों एवं जन भावनाओं का मजाक उड़ाना लोकतंत्र का अपमान है इसलिए नीतीश सरकार तुरंत अपने निर्णय को वापस लेते हुए शिक्षकों को राज्य करने का दर्जा दे।इधर तेघरा नगर परिषद क्षेत्र में संयोजक संगीता कुमारी के नेतृत्व में प्रखंड सचिव रवि कुमार अनुमंडल सचिव पंकज कुमार शिक्षक प्रभात कुमार अनंत ओझा आदि शिक्षकों ने मुख्य पार्षद सोनाली भारती उप मुख्य पार्षद आसमा खातून मुकेश कुमार आदि वार्ड पार्षदों का समर्थन हस्ताक्षर लिया इस अवसर पर मुख्य पार्षद प्रतिनिधि कन्हैया कुमार ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 को लेकर समाज में किसी प्रकार कोई उत्साह नहीं है क्योंकि पूर्व से एसटीइटी उत्तीर्ण है शिक्षक अभ्यर्थी जिनको नियोजन पत्र मिलना था उन्हें फिर से परीक्षा के लिए बाध्य किया जा रहा है तथा वर्षों से शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं उन्हें भी राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए परीक्षा का प्रावधान किया गया है यह व्यवहारिक एवं संवैधानिक नहीं है।