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    Home » बिहार की सियासत में अकेले दिख रही बीजेपी खुद के सुरक्षित करने के लिए ‘Security’ वाला दांव चलकर चुनावी समीकरण को एक-एक कर साध रही है
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    बिहार की सियासत में अकेले दिख रही बीजेपी खुद के सुरक्षित करने के लिए ‘Security’ वाला दांव चलकर चुनावी समीकरण को एक-एक कर साध रही है

    News DeskBy News DeskFebruary 25, 2023No Comments4 Mins Read
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    बिहार की सियासत में नया खेल हर दिन खेला जा रहा है। राजनीति को साधने के लिए सुरक्षा वाला दांव चला जा रहा है। अब तक बिहार की सियासत में अकेले दिख रही बीजेपी खुद के सुरक्षित करने के लिए
    ‘Security’ वाला दांव चलकर चुनावी समीकरण को एक-एक कर साध रही है।

    विशन पापोला

    पटना: बिहार की राजनीति हर दिन एक नए खेल के साथ शुरू हो रही है। जाहिर है गठबंधन की राजनीति में लगभग अकेले दिख रही बीजेपी के भीतर यह खेल विशेष संदर्भ में हो रहा है। यहां दिलचस्प यह है कि बीजेपी के सारे तीर निशाने पर लग रहे हैं। इन खेलों में एक खेल सुरक्षा का चल रहा है। इस सुरक्षा के खेल में बीजेपी भी अपने को सुरक्षित रखने के समीकरण को दुरुस्त कर रही है। सुरक्षा के खेल में केंद्रीय नेतृत्व ने सबसे पहले एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और अब वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी का नाम सुर्खियों में है। इस बीच भले महागठबंधन अपने भीतर मचे घमासान को सुलझाने में व्यस्त है या फिर अपना घर जला कर तमाशा देख रही है। मगर फूंक फूंक कर कदम रख रही बीजेपी संभावित चुनावी समीकरण को एक-एक कर साध रही है। महागठबंधन के भीतर हमलावर होते लीडरान ने अपनी ही राजनीति को कुंद करने में लगे हैं। इस कड़ी में शिवानंद तिवारी, सुधाकर सिंह, उदय नारायण चौधरी, सुरेंद्र यादव की अपनी अपनी भूमिका काफी नकारात्मक है। इन स्थितियों में भाजपा पूरी परिवक्वता के साथ 2024 लोकसभा चुनावी समीकरण बनाने में व्यस्त है।

     

     

    मुकेश सहनी पर भाजपा ने डाले डोरे

    विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP प्रमुख मुकेश सहनी पर मेहरबान सरकार अब उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने जा रही है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश सहनी को खुश करने के लिए की है। यह दीगर, केंद्र सरकार इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर यह सुरक्षा अब मुकेश सहनी को दी है। अब मुकेश सहनी की सुरक्षा में कम से कम 11 सुरक्षाकर्मी साथ में रहेंगे। अब सहनी के साथ सीआईएसएफ के जवान, साथ में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और पुलिसकर्मी रहेंगे। जाहिर है इस सुरक्षा के साथ भाजपा नेतृत्व ने मल्लाह जाति को अपने पक्ष में लाने की मुहिम की शुरुआत कर दी है।

    सुरक्षा को लेकर एक क्रेज भारत में है पर बिहार में कुछ ज्यादा
    वैसे तो सबसे बड़ी सुरक्षा एसपीजी होती है जो पीएम को मिलती है। इसमें कम से कम 52 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसके बाद अन्य वीआईपी के लिए चार X, Y, Y+, Z और Z+ सुरक्षा मिलती है। जेड प्लस की सुरक्षा वीवीआईपी को दी जाती है। इसके अलावा संभावित खतरे का अनुमान होने पर वीआईपी या बड़े नेताओं को जेड या वाई प्लस सुरक्षा दी जाती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस संदर्भ में बिहार सरकार से कोई फीड बैक नहीं ली गई। आईबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के ऊपर संभावित खतरे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है। कहा जा रहा है कि मुकेश सहनी को सुरक्षा देकर भाजपा वोटों के नजरिया से खुद को सुरक्षित कर की गई है। यह आगामी लोकसभा की अभी से तैयारी है।

     

    चिराग पासवान पर भी सुरक्षा का साथ
    वैसे चुनाव को ध्यान में रखकर लोजपा (R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर भी राग सुरक्षा आजमाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान को जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी थी। इसके बाद अब चिराग के साथ लगभग 22 सुरक्षाकर्मी साथ में रहेंगे। हालांकि इसके पहले उन्हें वाई सुरक्षा मुहैया कराया गया था। हालांकि चिराग पासवान पर मेहरबान तो केंद्र सरकार थी ही। इस वजह से अपरोक्ष रूप से चिराग पासवान ने मदद कर उप चुनाव में भाजपा को दो सीटों पर जीत दिलाई। भाजपा के इस प्रयास से लोजपा जो सात प्रतिशत वोट की राजनीति करती आई है, उसका लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में मिलने जा रहा है।

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