2 नवंबर को रक्तदान कर राममंदिर आन्दोलन मे शहीद हुए कारसेवको को श्रद्धांजली देगे बजरंगदल के कार्यकर्ता-अरुण सिंह
राष्ट्र संवाद संवाददाता
विश्व हिन्दू परिषद सिंहभूम विभाग के मंत्री अरूण सिंह ने बताया कि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष और बलिदान के क्रम मे हिंदू समाज को अपने आराध्य प्रभू श्रीराम के जन्मभूमि मे मुगलों द्वारा मंदिर तोड़कर बनाये गये विवादित बाबरी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद-बजरंगदल ने 1990 मे देशभर के कार-सेवकों का आवाह्न किया और विहिप बजरंगदल के कार्यकर्तागण और सभी साधु संत, कारसेवक लाखों की संख्या मे अयोध्या के आसपास इक्ट्ठा होने लगे थे , धीरे धीरे इसी भीड मे से बंगाल राज्य के कलकता शहर के बडा बाजार के रहने वाले दो भाई बजरंगदल के कार्यकर्ता स्व. रामकुमार कोठारी और स्व. शरद कोठारी ने 30 अक्टूबर 1990 को सबसे पहले विवादित ढांचे पर भगवा ध्वज फहरा दिया , उस समय उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश दे दिये इस गोलीकांड मे दोनों कोठारी भाई समेत कई कारसेवकों को गोलियों से भून कर मार डाला गया और अयोध्या की गलियां खून से सन गई । इस घटना से पूरे देश का हिंदू समाज आहत हो गया , आज हम अयोध्या मे भव्य श्रीराम मंदिर को अपने आंखो से देख पा रहे है ये उन बजरंगदल कार्यकर्ताओं को सबसे बडी श्रध्दांजलि है । अयोध्या का भव्य श्रीराम मंदिर हिंदू समाज के लिए गौरव और पुरुषार्थ का विषय था जो हमारे आराध्य प्रभू श्रीराम के जन्मभूमि से जुडा था जिसके लिए विश्व हिन्दू परिषद ने आंदोलन खड़ा किया और बलिदान देकर लडाई लडी और मंदिर का निर्माण संभव हो पाया,1990 मे बलिदान हुए उन सभी पवित्र आत्माओं कोठारी बंधु और कारसेवकों के बलिदान को स्मरण करते हुए प्रत्येक वर्ष *30 अक्टूबर से 2 नवंबर* के समय पूरे भारतवर्ष मे बजरंगदल के नेतृत्व मे *हुतात्मा दिवस* के रूप मे बडी संख्या मे रक्तदान कर मनाते है । इसी संदर्भ मे बजरंगदल जमशेदपुर महानगर द्वारा 2 नवंबर को उत्कल एसोसिएशन साकची मे रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।


