रिश्ते का कत्ल
देवानंद सिंह
क्या कभी कोई इस बात की कल्पना कर सकता है कि जिस बाप की अंगुली पकड़कर एक बेटी चलना सीखती है, वही एक दिन उसी बाप की हत्या करवा दे। कहते हैं ना बेटियां बाप की परियां होती हैं। एक बाप अपनी बेटी के लिए वह सबकुछ करना चाहता है, जो उसे एक बेहतर जिंदगी दे सके। पर जब वही बेटी बाप की हत्या करवा दे तो यह एक ऐसे रिश्ते का कत्ल है, जिसके बीच सबसे अधिक भरोसे की लकीर होती है।
जी हां, जमशेदपुर के सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर ईलाके में हुई घटना दिल को झकझोर देती है। और यह मामला भी हाईप्रोफाइल है। क्योंकि हत्या भी पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के साले कन्हैया सिंह की हुई है। इनकी हत्या की गुत्थी जिस तरह उलझी हुई थी, जब इसका खुलासा हुआ तो उसने सभी को सन्न कर दिया, क्योंकि उनकी हत्या के पीछे उनकी खुद की वही बेटी थी, जिस बेटी को उन्होंने अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। एक बेटी ने जिस तरह महज अपने प्यार के लिए बाप जैसे रिश्ते का कत्ल करवाया, वाकई यह पूरे समाज को झकझोर देने वाला है। कोई इसकी कल्पनाभर मात्र से भी डरता है कि क्या कोई बेटी अपने बाप का कत्ल करा सकती है। एकबारीगी इस पर कोई विश्वास नहीं कर सकता है, पर जो सच है, उस पर भरोसा तो करना ही पड़ेगा। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया है।
निखिल गुप्ता की गिरफतारी के बाद हुआ खुलासा
दरअसल, इस हत्यकांड की हकीकत आरोपी निखिल गुप्ता के पकड़े जाने के बाद सामने आई। इसके बाद एक के बाद एक आरोपी पकड़े जाते रहे। बताया जा रहा है कि सबकी गिरफ्तारी के बाद सरायकेला-खरसावां जिले के चौका थाना में सारे आरोपियों से पूछताछ की गई, जिसके बाद थाना ही बदल दिया गया। पहले तो सबको अलग-अलग बैठाकर पूछताछ की गई। सबको एक-दूसरे के सामने बैठाकर पूछताछ की गई। इस दौरान सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
प्रेमी के साथ मिलकर कराई हत्या
दरअसल, मृतक कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा का राजबीर सिंह नाम के युवक के साथ प्रेम संबंध है। दोनों के बीच प्रेम संबंध काफी समय से चल रहा था, जिसकी भनक अर्पणा के पिता कन्हैया सिंह को लग गई थी। इन दोनों के प्रेमसंबंध को रोकने के लिए पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह और उसके साले कन्हैया सिंह ने बहुत कुछ किया, लेकिन लड़की पर कोई असर नहीं हुआ। पिछले दो साल में लड़के की भी पिटाई की गई थी, जबकि लड़की को भी जाने नहीं दिया जा रहा था। लड़की, इस लड़के से पीछा छुड़ा ले, इसीलिए बाप ने उसका दाखिला बैंगलोर में करा दिया था, लेकिन इसके बाद भी मामला संभल नहीं पाया, जिसकी वजह से अर्पणा सिंह को घर में रहने की इजाजत थी। उसे अकेले कहीं भी नहीं जाने दिया जा रहा था, लेकिन अर्पणा सिंह की अपने प्रेमी राजबीर सिंह से लगातार बातचीत होती थी।
हत्या की जगह आउटगोइंग कॉल में था राजबीर का नबंर
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या के बाद राजबीर के साथ हत्यारों ने भी बातचीत की थी। वहां के फोन नंबर के आउटगोइंग कॉल में राजबीर सिंह का भी नंबर आ गया, जिसके बाद राज से पर्दा खुल गया। इस मामले में पहली गिरफ्तारी निखिल गुप्ता नाम के आरोपी की हुई। उससे पूछताछ के बाद मामले की कहानी दर-परत-दर खुलती गई। फिर क्या था, प्रेमी जोड़े तक भी पुलिस के हाथ पहुंच गए। जब पूछताछ की गई तो हर कोई हैरान था, क्योंकि इस हत्या की साजिश को राजबीर सिंह और कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा सिंह शामिल। यानि इन दोनों की साजिश के बाद ही हत्या की घटना को अंजाम दिया गया।
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इस हत्याकांड से सन्न है पूरा कोल्हान
इस हत्याकांड के खुलासे के दौरान जो तथ्य सामने आए, उसने आदित्यपुर को ही नहीं, बल्कि पूरे कोल्हान को सन्न कर दिया, क्योंकि किसी ने भी कल्पना नहीं की थी कि कन्हैया सिंह की बेटी ही उनकी हत्यारी निकलेगी। परिवार वालों ने कन्हैया सिंह का शव समस्तीपुर ले जाकर अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। जब समस्तीपुर जाने से पहले आदित्यपुर के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के घर पर ले जाया गया तो उनकी दो बेटियां, बेटे और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। पूरा परिवार तो रहा था, लेकिन अर्पणा सिंह नहीं रो रही थी, बल्कि चुपचाप गंभीर खड़ी थी। पुलिसवालों के गुप्तचरों की नजर भी उस पर थी। जब मामले से पर्दा हटा तो लोग यही सोच रहे हैं कि आखिर जब कन्हैया सिंह के शव को देखकर अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था तो यह बेटी चुप क्यों थी ?
स्कूल से ही था दोनों का प्रेम संबंध
राजबीर और अर्पणा के बीच स्कूल से ही प्रेम संबंध थे। डीएवी आदित्यपुर स्कूल में दोनों का प्यार खूब परवान चढ़ा। अर्पणा का प्रेमी राजबीर आदित्यपूर मांझीटोला के रहने वाले ट्रांसपोटर कुलजीत सिंह का बेटा है। अर्पणा के पिता कन्हैया सिंह और आदित्यपूर के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह को भनक लग गई। इसके बाद मलखान सिंह और उसके साले कन्हैया सिंह ने मिलकर कुलजीत सिंह और मां के साथ ही बेटे को भी धमकी दी। इन दोनों की धमकी से वह इतना टॉर्चर हुआ कि उन्हें अपना घर तक बदलना पड़ा। वो लोग आदित्यपूर एरिया का मकान छोड़कर मानगो में शिफ्ट हो गये। मानगो में ही वे लोग रहने लगे, लेकिन इन दोनों के प्यार पर ब्रेक नहीं लग सका। इन दोनों के बीच संबंध बना रहा। आखिरकार, राजबीर ने प्लान किया कि अब हर हाल में अर्पणा के पिता कन्हैया सिंह को ही रास्ते से हटाना पड़ेगा। इसके बाद उसने अपनी प्रेमी और कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा सिंह के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची। हत्या के बाद वह फरार हो गया। इस घटना की जानकारी सिर्फ अर्पणा सिंह को ही थी।
सोचने पर मजबूर करती है यह घटना
कन्हैया सिंह की हत्या समाज को सोचने के लिए मजबूर करती है। यह समाज और परिवारों के लिए बहुत ही चिंता का विषय भी है। इस घटना से सवाल यह उठता है कि क्या परिवारिक रिश्तों से भी ऊपर कोई अन्य भावनात्मक रिश्ता हो सकता है, जिसके चलते औलाद ही अपने मां-बाप की दुश्मन बन सकती है। यह समाज के लिए बेहद ही चिंताजनक विषय है कि क्या परिवार के रिश्तों की डोर बिल्कुल ही कमजोर पड़ती जा रही है। क्या इसके लिए भागदौड़ भरी जिंदगी और गलाकाट प्रतिस्पर्धा जिम्मेदार है ? क्या बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अधिक जुड़ाव रिश्तों की डोर कमजोर होने का कारण है ? यह तमाम ऐसे सवाल हैं, जो समाज को सोचने के लिए मजबूर करते हैं।
कन्हैया सिंह की हत्या कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें अपनी ही संतान एक पिता की हत्या की वजह बनी, बल्कि ऐसी घटनाएं अमुमन होती रहती हैं। प्रेम-प्रसंग के अतिरिक्त अवैध संबंध और संपत्ति भी अपनों का कत्ल करा रहा है। आए दिन ऐसी घटनाओं की खबरें अखबारों में प्रकाशित होती रहती हैं। लिहाजा, समाज को इन सभी विषयों पर गंभीरता से चिंतन करना चाहिए।