चेरियाबरियारपुर,बेगूसराय. सरकार द्वारा पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री के द्वारा निजी पौधशाला योजना लागू किया गया है. लेकिन इस योजना को लागू करने में सरकार के अधिकारी अपने ही सरकार के आदेश को धता बताकर योजना को फेल करने में लगे हुए हैं. जानकारी के अनुसार ऐसे ही एक मामले में प्रखंड क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी स्वर्गीय लखन सिंह के पुत्र रामदेव सिंह ने जिलाधिकारी बेगूसराय को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. उक्त आवेदन में पीड़ित किसान ने बताया है कि सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करते हुए निजी पौधशाला के लिए आवेदन किया था. सरकार के द्वारा बेगूसराय जिला को 18 किसान पौधशाला आवंटित हुआ. जिसमें 10 पौधशाला जीविका दीदी को एवं आठ पौधशाला प्रगतिशील किसानों को देना था. परंतु वन प्रमंडल पदाधिकारी बेगूसराय के द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं कर अपने सहयोगी कर्मी को इस योजना का लाभ पहुंचाया गया है. जिसमें वन प्रमंडल पदाधिकारी का ड्राइवर उनके कार्यालय में काम करने वाले सहयोगी के परिजन, नावकोठी प्रखंड क्षेत्र के महेशवारा निवासी अमरेश कुमार, सदर प्रखंड क्षेत्र के खम्हार गांव निवासी विपिन सिंह को वीरपुर प्रखंड क्षेत्र से लाभ दिया गया है. लेकिन मुझे सभी मापदंडों को पूरा करने के बावजूद किसान पौधशाला का आवंटन नहीं किया गया. उक्त बाबत कई बार डीएफओ से पूछे, सूचना के अधिकार के तहत भी जानकारी मांगी गई. लेकिन मुझे किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई. बाद में सूत्रों से पता चला कि डीएफओ पौधशाला के लिए आवंटित राशि में आधा का हिस्सेदार बनते हुए नियम के विरुद्ध बिना जांच के ही प्रथम किस्त का भुगतान भी कर दिया गया. जबकि नियमानुकूल वन क्षेत्र पदाधिकारी के द्वारा जांच के बाद ही पौधशाला का आवंटन एवं राशि का भुगतान किया जाना है. उन्होंने आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया है कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मंझौल के द्वारा 12 मई 2023 को आठ प्रखंडों के नाम का लिस्ट दिया गया. जिन प्रखंडों में जांच करने पर पता चल जाएगा, कि उक्त प्रखंड में पौधशाला धरातल पर कहीं नजर ही नहीं आ रहा है.