झारखंड के मंत्रियों को आपस में लड़ाने का काम किया पदाधिकारी ने?
पदाधिकारी ने मंत्री और एक समाज को आमने सामने खड़ा करने का भी प्रयास किया ?
झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जमशेदपुर में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे जिसका एक नमूना आज पर्दाफाश हुआ है जिसमें गोलमुरी स्थित राजेंद्र भवन के नाम पर विगत 12 अक्टूबर 2019 को निविदा प्रकाशित की गई और यदि निविदा केवल एक अखबार में प्रकाशित की गई निविदा में यह निकाला गया कि राजेंद्र भवन में सौंदर्यीकरण के नाम पर 14 लाख 60 हजार की प्राकलन राशि होगी जबकि आश्चर्य होता है निविदा के पूर्व ही इनके अपने पोषित ठेकेदार के द्वारा रंग रोगन एवं कई कार्य संपादित हो चुके हैं । जबकि टेंडर की अंतिम दिन की प्रक्रिया 22 अक्टूबर 2019 था लेकिन यह काम उसके पहले ही संपन्न हो गया ।
इससे यह प्रतीत होता है कि जमशेदपुर में कुछ चंद ठेकेदार , जो केवल भाजपा के पदाधिकारी है या पार्टी का झंडा धोते है भाजपा, और विशेष पदाधिकारी का मजबूत गठजोड़ भ्रष्टाचार में लिप्त है। दुर्भाग्य है मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के घर से मात्र 700 मीटर की दूरी में यह वाकया हो रहा है जबकि अभी जमशेदपुर में कई ऐसे कारनामे है ।
झारखंड विकास मोर्चा इसे प्रकाशित करेगा इस तरह के भ्रष्टाचारी गठजोड़ का हर हाल में झारखंड विकास मोर्चा पर्दाफाश करेगा ।
साथ ही अभय सिंह ने मांग की है माननीय उपायुक्त से अविलंब इसकी जांच की जाए और जांच के बाद में विशेष पदाधिकारी के ऊपर में भ्रष्टाचार का केस चलाया जाए और आज स्वयं झारखंड विकास मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल कार्य स्थलजाकर के देखा तो यह सत्य पाया गया विशेष पदाधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे है । टेंडर के पहले काम हो जा रहा है और केवल आई वास् के लिए टेंडर निकल जाता है । काम पहले हो जाता है और बाद में अपने चेहरे ठेकेदार को या आवंटन होता है ।
आज जो जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति भ्रस्टाचारियो का अड्डा बन चुका है। और आगामी चुनाव में अगर यह के पदाधिकारी को चुनाव आयोग द्वारा डयूटी दी जाती है तो चुनाव लड़ने वाले किसी भी ब्यक्ति को इंसाफ नही मिलेगा ।
अभय सिंह ने कहा कि जो ब्यक्ति भाजपा का झंडा ढोएगा उसे ही काम मिलेगा।
पूरे जमशेदपुर में उसी प्रकार या गोरख धंधा चल रहा जिसे भाजपा और कुछ अफसर इस को बढ़ावा दे रहे हैं मुख्यमंत्री के क्षेत्र में इस प्रकार की घटना होना इस बात को प्रमाणित करता है कि मुख्यमंत्री भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं क्योंकि उनके विधानसभा का मामला है और मुख्यमंत्री से मुकर नहीं सकते आज वैसे अधिकारियों को यहां महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है जिस पर चुनाव आयोग ने पक्षपात होने का आरोप लगाया और जिस से विगत लोकसभा के चुनाव में चुनाव आयोग ने चुनाव पद्धति से दूर रखा मैं उपायुक्त महोदय से मांग करता हूं इसकी जांच कराएं और दूध का दूध पानी का पानी करवाएं अन्यथा झारखंड विकास मोर्चा इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाएगी