जम्मू कश्मीर विधानसभा में 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश
जम्मू: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें कल्याण और विकास पर खास जोर दिया गया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त विभाग का भी दायित्व संभाल रहे अब्दुल्ला ने विधानसभा में शून्य घाटे का यह बजट पेश किया।
जम्मू कश्मीर के 2019 में केंद्रशासित प्रदेश के रूप में तब्दील किए जाने के बाद पहली बार बजट पेश किए जाने का विधानसभा सदस्यों ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह एक नए और समृद्ध जम्मू कश्मीर का खाका है, जो लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है और आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति और टिकाऊ विकास के लिए एक मजबूत नींव रखता है।
अब्दुल्ला ने कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल शुद्ध बजट अनुमान 1,12,310 करोड़ रुपये है, जिसमें अर्थोपाय ऋण और ओवरड्राफ्ट के प्रावधान शामिल नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि अपेक्षित राजस्व प्राप्तियां 97,982 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्तियां 14,328 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह, राजस्व व्यय 79,703 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 32,607 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
इसके अलावा जम्मू कश्मीर के लिए केंद्रीय सहायता के रूप में 41,000 करोड़ रुपये मिलने का भी अनुमान बजट में जताया गया है।
अब्दुल्ला ने 2025-26 के लिए कर एवं जीडीपी अनुपात 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया। वहीं राजकोषीय घाटा जम्मू कश्मीर के जीडीपी का 3.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2,884,22 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.5 प्रतिशत अधिक है।
अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में समावेशी विकास, राजकोषीय समझदारी और बुनियादी ढांचे, कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और डिजिटल शासन में रणनीतिक निवेश को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना और निवेश और नवाचार को आकर्षित करने के लिए व्यापार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है।”