लखनऊ। सूबे की योगी सरकार पूरे एक्शन में है। अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के बाद सीएम योगी का अंतर पुलिस भी चल रहा है। जी हां, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया मुकुल गोयल को ही पद हटा दिया है। योगी ने यह एक्शन लेकर अफसरशाही को बड़ा संदेश दिया है। यह भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी खुशी से भरा समाचार है, क्योंकि मुकुल गोयल के खिलाफ लगतार शिकायत मिल रही थी। बता दें कि आठ मई को ललितपुर में भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष नेताओं ने अफसरों की शिकायत का पुलिंदा रखा था, जिसमें उन्होंने साफ कहा- अपनी दलाली बंद करो, अफसरों को हम सुधार देंगे। ललितपुर के बाद मेरठ दौरे से लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग के मुखिया को पद से हटाकर अफसरशाही के साथ नेताओं को भी बड़ा संदेश दे दिया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी पुलिस महानिदेशक को इस तरह से पद से हटाया गया। डीजीपी को तो एक दारोगा से तरह हटाकर कम महत्व वाले विभाग भेजा गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विभाग के मुखिया यानी डीजीपी को अकर्मण्य बताकर हटाया गया। शामली निवासी 1987 बैच के आइपीएस अफसर मुकुल गोयल को बीती एक जुलाई को उत्तर प्रदेश का डीजीपी बनाया गया है। अखिलेश यादव की सरकार में एडीजी ला एंड आर्डर रहे मुकुल गोयल के चयन पर ही सवाल खड़े होने लगे थे। उनको तो अखिलेश यादव का खास माना जाता है। अब उनको शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी पद से मुक्त करते हुए महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) के पद पर भेजा गया है। उनका कार्यकाल फरवरी 2024 तक है।