नई दिल्ली। मुंबई में दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन सत्र को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक सॉफ्ट पावर के रूप में सिनेमा, राष्ट्र के ब्रांडिंग के प्रयासों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, “भारतीय फिल्म उद्योग और सरकार आज उच्चतम स्तर पर संस्कृति की क्षमता को पहचानते हैं।” किसी भी देश की सॉफ्ट पावर” में अपनी संस्कृति का चित्रण एक बहुत ही मजबूत घटक होता है। उन्होंने आगे कहा, वैश्विक बाज़ार में खुद को आकर्षक बनाने के लिए किसी राष्ट्र की वैचारिक क्षमताएं समकालीन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहलू बन गईं है। लिहाजा, सिनेमा राष्ट्र की ब्रांडिंग के प्रयासों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।”मंत्री के अनुसार, तेजी से हुए उदारीकरण, नियंत्रण में छूट, मीडिया और संस्कृति के निजीकरण ने पिछले कुछ दशकों में भारतीय फिल्म उद्योग को बदल दिया है, और साथ ही वैश्विक डिजिटल मीडिया उद्योगों और वितरण प्रौद्योगिकियों के विस्तार ने भारतीय मनोरंजन चैनलों और फिल्में का वैश्विक मीडिया में अधिक से अधिक उपस्थिति और दृश्यता सुनिश्चित की है। उन्होंने भारतीय भाषाई सिनेमा द्वारा निभाई जा रही भूमिका पर भी जोर दिया। “सिर्फ हिंदी फिल्में ही नहीं बल्कि भारतीय भाषाओं की फिल्मों को भी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक दर्शक मिल रहे हैं। लोक कूटनीति में फिल्म उद्योग की भूमिका के बारे में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि विश्व भर मैं फैले भारतीय मूल के लोगों में खूब लोकप्रिय सिनेमा के वैश्वीकरण से इस में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा “हमें भारत को ब्रांड बनाने के लिए सामग्री तैयार करने और देश को दुनिया का सामग्री उपमहाद्वीप बनाने के लिए हमें फिल्म बिरादरी और भारत की ताकत का इस्तेमाल करते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।