भारतीय जन महासभा के द्वारा भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री राम नाथ कोविंद जी के नाम पर पुस्तक *इनसे हैं हम* एक कवरिंग लेटर के साथ राष्ट्रपति भवन में जाकर सौंपने का कार्य किया गया ।राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि इस शुभ कार्य को करने में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ए. के. जिंदल जी का अच्छा योगदान रहा ।कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है कि पुस्तक *इनसे हैं हम* अब शीघ्र ही राष्ट्रपति जी के हाथों में पहुंच जाएगी।विदित हो कि पुस्तक *इनसे हैं हम* भारत के 51 महापुरुषों/क्रांतिकारियों पर भारत के विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व करने वाले अलग-अलग 51 लेखकों के द्वारा लिखी गई 180 पृष्ठीय पुस्तक है ।श्री पोद्दार ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह पुस्तक नहीं बम है ।
जिस प्रकार भगत सिंह ने सेंट्रल असेंबली में बम धमाका कर पूरे देश को जगाने का काम किया था , उसी प्रकार यह पुस्तक रूपी बम विचारों का धमाका करके पूरे देशवासियों को जगाने का काम करेगी ।इस पुस्तक को अधिक से अधिक लोगों को पढ़ना चाहिए ।जिस प्रकार *कश्मीर फाइल्स* एक विशेष मायने रखती है , उसी प्रकार यह पुस्तक आज के समय में पूरे देशवासियों के लिए विशेष मायने रखती है ।शुक्रवार को ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी के भी आवासीय कार्यालय में पुस्तक देने का प्रयास किया गया लेकिन अवकाश दिवस पर रिसीविंग करने वाले कर्मचारी के उपस्थित नहीं होने के कारण पुस्तक भेंट नहीं की जा सकी ।श्री पोद्दार ने यह भी बताया कि शीघ्र ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी से समय लेकर उनको पुस्तक *इनसे हैं हम* भेंट की जा सकेगी ।यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है ।
भारतीय जन महासभा के द्वारा भारत के राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविंद के नाम पर पुस्तक इनसे हैं हम राष्ट्रपति भवन में जाकर सौंपने का कार्य किया गया
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