विधान सभा सदस्य सरयू राय जी के द्वारा झारखंड सरकार के लोकप्रिय मंत्री बन्ना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाना जनता को गुमराह कर छवि खराब करने के अलावा और कुछ भी नहीं है। इस बात को जनता भलीभाँति समझ चुकी है। आए दिन किसी न किसी लोकप्रिय नेता की छवि को बिगाड़कर खुद को सबसे बड़ा ईमानदार व्यक्ति साबित करने का प्रयास लगातार चलता ही रहता है।राजनीतिक व्यक्ति के साथ -साथ ये उद्योगपतियों के उद्योगों पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाने में ही व्यस्त रहते हैं और विधायक के रूप में यही इनकी जनसेवा है। ऐसा लगता है कि ये एक जन प्रतिनिधि नहीं बल्कि भ्रष्टाचार उन्मूलक अधिकारी हैं। इन्हें आईना देखने की अवश्यकता है।
जिस तरह से बन्ना गुप्ता के छोटे से मामले को बढ़ाचढ़ाकर पेश कर रहे हैं और उसमें तत्परता दिखाते हुए कोर्ट में केस करने की बात करते हैं वैसी तत्परता कभी किसी दूसरे नेता का भ्रष्टाचार उजागर करने के मामले में नहीं देखा गया है। इससे साफ जाहिर होता है की बन्ना गुप्ता जी के लोकप्रियता से घबराए हुए हैं और इनकी जमीन खिसकती हुई नजर आ रही है।