राष्ट्र संवाद नजरिया : विधायक सरयू राय की केजरीवाल और सिसोदिया से मुलाकात के कई मायने
देवानंद सिंह
कभी झारखंड भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री को हराकर जमशेदपुर पूर्वी सीट से विधायक बने
विगत कुछ महीनों से सरयू राय एक मिशन पर निकल पड़े हैं। सबसे पहले इन्होंने झारखंड की सरजमी पर झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन कर झारखंड के राजनीतिक दलों को कड़ा संदेश देने का भी काम किया कल जिस तरह से पंजाब में शानदार जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात कर इसका पूरा संकेत दे दिया है। इस मुलाकात के कई मायने लगाए जा रहे हैं।
झारखंड की राजनीतिक गलियारों में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि झारखंड में चल रही गठबंधन सरकार में भी सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा हैं। झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार में झामुमो और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव देखने के मिला है। लिहाजा, सरयू राय राज्य में तीसरे मोर्चे के रूप में मजबूत राजनीतिक विकल्प तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। इसी मकसद से उन्होंने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चे के रूप में तीसरे मोर्चे का गठन किया है। भले ही, यह महज पांच विधायकों का ही मोर्चा हो, लेकिन झारखंड की राजनीति में इसके गंभीर संकेत हैं। विधायक सरयू राय कुछ जैसे ही पता चला की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास आने वाले राज्यसभा चुनाव के समय राज सभा जा सकते हैं राय ने लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन कर स्पष्ट कर दिया है की वे आज भी अपने मुद्दे पर कायम है भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी
अन्य राज्यों में विस्तार की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी के लिए झारखंड में सरयू राय अहम हो सकते हैं, वहीं आम आदमी के साथ मिलकर सरयू राय आने वाले दिनों में राज्य की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकते हैं। सरयू राय राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। बीजेपी से बगावत करने के बाद वह लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाते रहे हैं। बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं। उधर, बीजेपी राज्य में सरकार के अंदर चल रहे टकराव का फायदा उठाना चाहती है। ऐसे में, सरयू राय भी तीसरे मोर्चे को मजबूती देकर राज्य में बीजेपी और अन्य दलों का विकल्प तलाशने में जुटे हुए हैं। इस लिहाज से आम आदमी पार्टी उनके लिए खास हो सकती है। क्योंकि, दिल्ली में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी लगातार अन्य राज्यों में विकल्प तलाश रही थी। पार्टी को लंबे समय के बाद पंजाब में शानदार जीत मिली है। इसको लेकर अरविंद केजरीवाल काफी उत्साहित हैं। इसीलिए उन्हें पार्टी के और विस्तार की उम्मीद दिख रही है। जिस तरह से उन्होंने सरयू राय से मुलाकात की है, उससे स्पष्ट है कि झारखंड की राजनीति में तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी भी अहम किरदार के रूप में दिखेगी। और इस गठजोड़ से सरयू राय अन्य पार्टियों के लिए मुश्किल खड़ी करते हुए अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी पूरी कर पाएंगे।