सीकेपी रेल डिवीजन के डी. आर.एम विजय कुमार साहू, सांसद विद्दुत वरण महतो एवं जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी ने इसका विधिवत उद्घाटन फीता काटकर किया
चक्रधरपुर रेल मंडल और सांसद पर एक साथ बरसे विधायक सरयू राय
जमशेदपुर के टाटानगर स्टेशन में वर्षों से लंबित पड़े सेकंड एंट्री गेट आखिरकार पूरी हो गई, शनिवार को सीकेपी रेल डिवीजन के डी. आर.एम विजय कुमार साहू, सांसद विद्दुत वरण महतो एवं जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी ने इसका विधिवत उद्घाटन फीता काटकर किया , वैसे जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी विधायक सरयू राय इस दौरान स्टेशन परिसर के पास जन समस्याओं को लेकर थोड़े नाराज भी नजर आए ।
टाटानगर स्टेसन से मुख्यतः दो तरफ से सड़कें जुड़ी हुई है जो जमशेदपुर शहरी इलाके को स्टेसन से जोड़ती है एक तरफ बिस्टुपुर जुगसलाई का इलाका है वही दूसरी तरफ बर्मामाइंस और गोलमुरी का इलाका है, बर्मामाइंस के तरफ से आने वाले यात्री जो लगभग पूरे पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के यात्रियों के आने जाने का मार्ग है उन्हें स्टेशन पुल से नीचे आकर एंट्री करनी पड़ती थी, और जनता की वर्षों से सेकंड एंट्री गेट की मांग थी, इसपर जिले के सांसद और रेल मंत्रालय के पहल के बाद निर्माण शुरू हुआ, जिसके बाद शनिवार को इसका विधिवत उद्घाटन किया गया , मौके पर तमाम अतिथियों ने फीता काटकर गेट का उद्घाटन किया, वैसे अब बर्मामाइंस इलाके से आने वाले लोगों को इसी सेकंड एंट्री गेट पर पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी और वहीं पर टिकट भी उपलब्ध होगा, जहां से होकर वे सीधे स्टेशन परिसर में प्रवेश कर सकते है, वैसे प्लैटफ़ॉर्म कनेक्टिविटी के लिए 250 मीटर का नया फुट ओवर ब्रिज भी बनाया गया है जो तमाम प्लैटफ़ॉर्म को इस एंट्री गेट से जोड़ती है ।
— वहीं इस दौरान जुगसलाई क्षेत्र के विधायक मंगल कालिंदी जन समस्याओं को लेकर खासे नाराज नजर आए, उन्होंने कहा कि स्टेसन परिसर के सटे सड़क और बस्ती इलाके को रेलवे के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है वहां कई जन सुविधाओं की कमी है जिसपर विधायक निधि वे कार्य करवाना चाहते है लेकिन रेल डी. आर.एम के द्वारा उस कार्य का एन. ओ.सी रोक कर रखा गया है और क्षेत्र में विकास के कार्य अवरुद्ध है, वहीं स्टेसन को बिस्टुपुर इलाके से जोड़ने वाली सड़क संकीर्ण है जिसका भी चौड़ीकरण किया जाना चाहिए था जिसकी मांग भी उनके द्वारा रेल डी. आर.एम से की गई थी लेकिन वो कार्य भी नही हुआ , वहीं जमशेदपुर के वीर सपूत शाहिद किशन दुबे जो बॉर्डर पर शहीदी को प्राप्त हुए थे उनकी प्रतिमा को भी सेकंड एंट्री गेट पर स्थापित करने की मांग उन्होंने रेलवे से की थी, और उस कार्य को भी उन्होंने नही किया जिस कारण वे रेलवे के रवैये से नाराज है ।
चक्रधरपुर रेल मंडल और सांसद पर एक साथ बरसे विधायक सरयू राय
आज चक्रधरपुर रेल मंडल द्वारा आयोजित जमशेदपुर स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार का उद्घाटन कार्यक्रम कुप्रबंध से भरा था और शालीनता रहित था. लगा ही नहीं कि यह भारत सरकार के एक शीर्ष उपक्रम का कार्यक्रम है. कार्यक्रम का आयोजन न केवल कुप्रबंध से भरा था बल्कि आमंत्रित अतिथियों के लिये अपमानजनक भी था.
रेलवे स्टेशन का दूसरा प्रवेश द्वार मेरे विधानसभा क्षेत्र की ओर खुलता है और वहाँ से निकलनेवाला पैदल पार पथ (फुट ओवर ब्रिज) माननीय विधायक मंगल कालिन्दी के क्षेत्र तक जाता है. हम दोनों को लिखित आमंत्रण देकर रेल अधिकारियों ने बुलाया था. परंतु वहाँ की व्यवस्था से लगा कि रेल अधिकारियों को केवल माननीय सांसद महोदय की ही चिंता है. विधायकों का कोई महत्व उनकी नज़र में नहीं है. स्थानीय विधायकों को बुलाकर उन्होंने केवल औपचारिकता का निर्वाह किया है. लगा कि हमें उन्होंने केवल पुष्प गुच्छ और शाल स्वीकार करने के लिये बुलाया था.
चेम्बर ऑफ कॉमर्स रेलवे का महत्वपूर्ण हितधारक ( stakeholder) संगठन है. चेम्बर के अध्यक्ष की कोई भूमिका इस कार्यक्रम में रेल अधिकारियों ने नहीं निर्धारित किया था. रेलवे के दूसरे प्रवेश द्वार का प्रयोग करने वालों में मेरे विधानसभा क्षेत्र की जनता सर्वाधिक है. प्रवेश करने के बाद और प्रवेश करने से पहले जन सुविधाओं के घोर अभाव के बारे में हम कुछ बता नहीं दे और उनकी व्यवस्था करने के बारे में हम सार्वजनिक रूप से मांग नहीं कर दें, शायद इसलिये रेल अधिकारियों ने न तो मुझे दो शब्द कहने का अवसर दिया और न ही माननीय विधायक श्री मंगल कालिंदी को ही कुछ बताने का अवसर दिया.
मंच से उतर कर उद्घाटन स्थल तक जाने के लिये भी उन्होंने ऐसा कोई प्रबंध नहीं किया था ताकि हम आमंत्रित अतिथि भी वहाँ तक निर्विघ्न पहुँच सकें. उन्हें केवल सांसद महोदय को ही उनके कार्यकर्ताओं के साथ उद्घाटन स्थल तक सुरक्षित पहुँचाने की चिंता थी. शायद ऐसा इसलिये भी हो कि सांसद महोदय ही केन्द्र सरकार में बैठे सरकारी दल के एकमात्र प्रतिनिधि हैं. उस दल का एक भी विधायक कोल्हान से नहीं है.
मेरे लिये यह दूसरा अवसर था जब लगा कि यदि जमशेदपुर में सांसद महोदय के साथ किसी संयुक्त सार्वजनिक कार्यक्रम में जाने का आमंत्रण मिले तो अपने साथ कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह लेकर जाना चाहिये ताकि वे भी समानांतर गला फाड़ नारे लगा सकें और लोगों को धकिया कर अपने लिये आगे जाने का रास्ता बना सकें. भारत सरकार के रेल विभाग के कार्यक्रम में ऐसी भेड़िया धसान स्थिति उत्पन्न होने का अंदेशा मुझे नहीं था और न ही यह उम्मीद थी कि रेल अधिकारियों ने हमें बुलाकर मात्र औपचारिकता का निर्वाह किया है.
इस कारण मुझे उद्घाटन स्थल तक पहुँचे बिना वापस आना पड़ा. उम्मीद है रेल अधिकारी किसी को अपने कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाकर भविष्य में ऐसी अपमान जनक स्थिति उत्पन्न नहीं करेंगे.