बजट से मिडिल क्लास को मायूसी हुई है: मंत्री बन्ना गुप्ता
बजट ने साबित कर दिया है कि केंद्र सरकार को आम आदमी से ज्यादा पूंजीपतियों की चिंता हैं, कोरोना ने मिडिल क्लास परिवार के लिए कुछ नहीं सोचा है, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब पर कोई नई घोषणा नहीं की, इस वजह से इस बार भी आयकर में कोई छूट नहीं मिली है। जबकि कॉरपोरेट को राहत दी गई है।कॉरपोरेट सरचार्ज 12% से घटाकर 7% किया गया है।
बजट में गरीब के लिए कुछ नहीं, नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ छूट नही दी गई हैं, मध्यम वर्ग की जेब ख़ाली रखी गई हैं, किसान की जेब ख़ाली हैं, किसान आंदोलन के बाद उम्मीद थी कि किसानों के उत्थान के लिए कोई बेहतर योजनाएं लागू की जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नही देकर किसानों के साथ छल किया है।
छात्रों और युवाओं के लिए कोई ठोस पॉलिसी नही लाई गई हैं, कोरोना के दंश का शिकार बने छोटे और मझोले उद्योग को बढ़ावा के लिए कोई राहत पैकेज नही, कोरोना के बाद उम्मीद थी कि इन्हें राहत मिलेगी।
अमीरों को राहत और गरीबों को बेवकूफ बनाया गया है इस बजट में, पूंजीपतियों की सरकार ने पूर्ण रूप से पूंजीवादी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए और मध्यम वर्ग के परिवारों की आर्थिक स्थिति को चोट करने के लिए बजट बनाया है।