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    Home » छठ पर्व पर एक कलाकार गौतम सिंह का दर्द ,कहा मैं कही भी रहूं तेरी याद सताती है छठी माता
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    छठ पर्व पर एक कलाकार गौतम सिंह का दर्द ,कहा मैं कही भी रहूं तेरी याद सताती है छठी माता

    Begusarai SamvadBy Begusarai SamvadNovember 9, 2021No Comments5 Mins Read
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    अपने जीवन में मैने भी किया था छठ व्रत 

    बिहार उप ब्युरो चन्दन शर्मा की रिपोर्ट

    पटना (बिहार)एक कलाकार के तौर पर हमेशा इस बात की खुशी रहती है की शूटिंग करता रहूं मैं काम करता रहूं मैं !इसलिए अपने घर परिवार अपने गांव को छोड़कर इस मुंबई शहर में आया हूं मैं ! लेकिन इस शहर में एक दिन वो तकली फ हमेशा होती है एक दुख हमेशा होता है रहने का दुख नहीं खाने का दुख नहीं कैरियर का दुख नहीं भविष्य का दुख नहीं.. दुख होता है जब छठ के समय आप अपने गांव ना जा सके गांव इसलिए ना जा सके ताकि आप शूटिंग में व्यस्त हैं उक्त बातें बिहार के मुंगेर निवासी मशहूर एक्टर गौतम सिंह ने कहि उन्होंने कहा कि कोई प्रोड्यूसर आपका डेट्स लेकर शूटिंग करना चाह रहा है जिस काम के लिए आप हमेशा प्रयत्नशील रहे हैं अपने कलाकारी के जीवन में हम यूपी बिहार के लोग कहीं भी रहे विदेश में क्यों नहीं रहे इस ब्रह्मांड के किसी कोने में क्यों नहीं रहे पर जब छठ होता है जब छठ का संगीत बजता है जब छठ का किनारे अरग देने का समय आता है वह वातावरण आता है तो दिल करता है कि उड़कर अपने गांव चले जाएं उड़कर अपनी जन्मभूमि चले जाएं ! और गंगा किनारे जाकर छठ माता को आराध्य देव को अरग दे और जल चढ़ाएं लेकिन कुछ काम और कुछ कमिटमेंट मेरे जैसे लोगों को जो अपने घर परिवार अपने गांव अपनी जन्मभूमि को छोड़कर दिल्ली मुंबई बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में रहते हैं वह छठ को बहुत ही मिस करते हैं ! और वह सोचते हैं कि काश आज मैं भी अपने गांव में होता काश मैं भी आज गांव के तालाब के किनारे अपनों के बीच इस छठ पर्व को मनाता सुबह-सुबह ठेकुआ खाता ऐसा आनंद बहुत कम लोगों के जीवन में आता है! दिवाली दशहरा होली हम लोग बिना अपनों के साथ भी मना लेते हैं दोस्तों के साथ मना लेते हैं गैरों के साथ भी मना लेते हैं दूसरे धर्म के लोगों के साथ भी मना लेते हैं लेकिन छठ हमेशा अपने परिवार अपने खून अपने गांव के लोगों के साथ ही मनाने में आनन्द आता है ! मैं भी एक अभिनेता के तौर पर आपको कई बार छठ पर्व को मिस किया हूं कई बार जाना भी चाहा लेकिन जा नहीं पाया वही शूटिंग का कमिटमेंट क्योंकि मेरे पीछे बहुत सारे प्रड्यूसर अपना पैसा लगाकर रखते हैं मेरे पीछे बहुत सारे लोग वर्क करते हैं कई बार ऐसा भी हुआ है कि छठ के दिन मेरी शूटिंग रही और कल भी आने वाले छठ के दिन मेरी शूटिंग है ! मैं हमेशा छठ को मिस करता हूं और हमेशा छठ सूर्य देवता को प्रणाम करता हूं कि भगवान वह किस्मत वाले लोग हैं जो आपके छठ में आराध्य देने के लिए आपके पास खड़े रहते हैं और अपने परिवार के साथ होते हैं….मैं मुंगेर का रहने वाला हूं मुंगेर गंगा किनारे बसा हुआ है और छठ का में आनंद जो गंगा किनारे है वह कहि नही है मैं उन भाइयों का भी पीड़ा समझ सकता हूं जो भाई दिल्ली मुंबई कोलकाता मद्रास मेंअपने जीवन को निर्वाह करने के लिए रहते हैं और वह छठ में अपने गाँव नहीं जा पाते हैं कारण कुछ भी हो या तो ऑफिस का छुट्टी ना मिले या सरकारी नौकरी का छुट्टी ना मिले या सही समय पर टिकट ना मिले रेलवे का इस कारण वो घर ना जा पाए उनकी तकलीफ को मैं समझ सकता हूं उनके दर्द को समझ सकता हूं ! मैं भी काफी दुखी होता हूं जब तक मैं अपने घर परिवार के पास नहीं जा पाता हूं अपने गांव नहीं जा पाता हूँ अपने अपने गंगा किनारे अरग नहीं दे पाता हूं तो उस दिन मन काफी दुखी रहता है मेरा ! छठ ही एक महापर्व है जहां पर बिन पंडित का बिना ब्राह्मण के पूजा किया जा सकता है समाज का एक छोटा वर्ग के साथ भी पूजा खड़ा करके साथ में जाता है ताकि कहा जाता है कि उनके दिए हुए बनाए हुए बास का सूप अगर आप नही चढ़ाते है तब तक आपकी पूजा स्वीकार नही होगी हुए! यह बहुत बड़ी बात है हमारे सनातन धर्म में की छठ हमें बहुत कुछ सिखाता है कि समाज में कोई भी नीचा नहीं है कोई भी ऊंचा नहीं है सब बराबर है ! उस दिन प्रकृति की पूजा होती है उस दिन डूबते हुए सूर्य देव की पूजा होती है! उस दिन धर्म की पूजा होती है उस दिन हमारे छठ देवता की पूजा होती ! मैं खुद ही स्वयं 6छठ किया हूं मेरे पिताजी ने मुझे छठ करवाया है वह कहते थे कि बेटा इस पर्व को कोई भी व्यक्ति कर सकता कोई भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है बस करने का लगन होना चाहिए एक बार तुम अवश्य करो और मैंने छठ पर्व किया 2 दिन बिना पानी पिए व्यक्ति कैसे रह सकता है कैसे जी सकता है लेकिन छठ आप जैसे करेंगे जैसे उठाएंगे सारी शक्तियां आपके साथ खड़ी हो जाएगी ! भगवान साक्षात आपको शक्ति देना शुरू करेंगे यह छठ का महापर्व बहुत कम लोगों के जीवन में आता है बहुत कम लोगों का सौभाग्य होता है छठ करने का ! मैं सौभाग्यशाली व्यक्ति हूं एक सौभाग्यशाली कलाकार हूं कि जो अपने जीवन में मैंने छठ का महापर्व खुद उठाया है! मैं धन्यवाद करना चाहता हूं अपने पिताजी का अपने माता का जो जिन्होंने मुझे छठ करवाया है ! दिल से पूरे बिहार वासियों को छठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं पूरे उत्तर भारतीयों को छठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं जय छठी मैया …जय हो सूर्य देवता ।

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