नई दिल्ली: केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वह म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचित करे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत म्यूकर माइकोसिस को एक अधिसूच्य बीमारी बनाने का आग्रह किया है. राज्यों से कहा गया है कि वह सभी मामलों की रिपोर्ट करें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सभी सरकारी, निजी स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे.
इसका मतलब है कि ब्लैक फंगस के सभी पुष्ट या संदिग्ध मामले की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय को देनी होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस की जांच, डाइग्नोसिस, प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
इससे पहले राजस्थान, तेलंगाना ने महामारी कानून के तहत ब्लैक फंगस को अधिसूच्य रोग घोषित कर दिया था. तेलंगाना सरकार ने कोविड-19 से उबरे मरीजों को निशाना बना रहे ब्लैक फंगस को महामारी रोग कानून 1897 के तहत एक अधिसूच्य रोग घोषित किया है. एक आधिकारिक अधिसूचना में गुरुवार को कहा गया कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्र दिशा निर्देशों का पालन करें.
दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 3 की सहपठित धारा 4 के तहत म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को संपूर्ण राज्य में महामारी व अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है. तमिलनाडु ने भी अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत इस बीमारी को अधिसूचित किया है. राज्य में अब तक 9 मामले पाए गए हैं. उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार एलएनजेपी, आरजीएसएसएच, जीटीबी अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए विशिष्ट केंद्र स्थापित करेगी.