दहेज जैसी कुरीति को मिटाने के लिए अभियान को देंगे आंदोलन का रूप — गाज़ी रहमतुल्लाह रहमत
संवाददाता नारायणपुर (जामताड़ा)– दहेज प्रथा रोकथाम के साथ-साथ अब बेटियों को विरासत में हिस्सेदारी भी दिलाई जाएगी । उक्त बातें दहेज प्रथा रोकथाम अभियान के चिंतक गाजी रहमतुल्लाह रहमत ने कही । उन्होंने कहा कि अगर हम इस्लामिक ढंग से शादी विवाह का प्रचलन कर देते हैं तो दहेज प्रथा स्वतः समाप्त हो जाएगी । इस्लामिक विवाह व्यवस्था में दहेज नाम की कोई चीज ही नहीं है, हां विरासत में बेटियों का हिस्सा जरूर है जिसे मुस्लिम समाज देने से कतराता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पैतृक संपत्ति पर बेटे का हक है उसी तरह बेटी का भी हक है लेकिन विरासत में पैतृक संपत्ति का दो भाग बेटे को और एक भाग बेटी को दिया जाता है । यह इस्लामिक ग्रंथों में उल्लेखित है । इसे मुस्लिम समाज में बहुत जल्द प्रचलित किया जाएगा तथा बेटियों को हक दिलाया जाएगा। जब बेटियों को विरासत में से हिस्सा मिलने लगेगा तो दहेज रूपी दानव स्वतः समाप्त हो जाएगा। हमें शादी को सुन्नत ए नबवी के मुताबिक करनी पड़ेगी जिसमें बारात एवं दहेज का कोई सिस्टम नहीं है । दहेज प्रथा उन्मूलन के साथ-साथ बेटियों को विरासत में हिस्सा दिलवाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने की जरूरत है और इसे हम लोगों ने शपथ पत्र में दाखिल कर रखा है। हम समाज के लोगों के साथ मिलकर बहुत जल्द ही इसी गांव गांव तक ले जाएंगे । इस अभियान को आंदोलन का रूप दिया जाएगा। इसकी शुरुआत हम लोगों ने कर दिया है । शुरुआती बैठक में ही हमारे कमेटी को समाज का भरपूर समर्थन मिला है। यदि ऐसा ही समर्थन प्रत्येक गांव में मिलेगा तो निश्चित रूप से दहेज नामक दानव को हम समाज से मिटा कर रहेंगे ।