तेल व रसोई की कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस का वार, बोले अब नहीं चाहिए ऐसी सरकार-दीपा शर्मा
पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों में बेहताशा वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। मंहगाई को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी को लेकर वीरवार को कांग्रेस की प्रदेश महासचिव दीपा शर्मा ने पानीपत के अंसल के वासियो को मोदी सरकार के खिलाफ हरियाणा प्रदेश कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरभि शर्मा के साथ मिलकर लोगो को संबोधित किया ओर अंसल के अंदर ही जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश भी देखने लायक था। इस दौरान अंसल की मार्किट व रिहायशी सभी ब्लॉक के लोगों ने भी अपना समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने बहुत हुई महंगाई की मार नहीं चाहिए ऐसी सरकार के नारे भी लगाए।
दीपा शर्मा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ती महंगाई और घरेलू सामान एवं हर आवश्यक वस्तु की कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने चुनौतियों को और अधिक गंभीर बना दिया है, दुख इस बात का है कि संकट के इस समय में भी सरकार लोगों के कष्ट व पीड़ा दूर करने की बजाय उनकी तकलीफ बढ़ाकर मुनाफाखोरी कर रही है। सुरभि ,वीरेंदर शर्मा ,पंकज शर्मा ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में पेट्रोल व डीजल की कीमतें हर रोज नया रिकॉर्ड बना रही हैं । वो भी तब जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हैं । जनता एक लीटर कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की तुलना में पेट्रोल के लिए चार गुना भुगतान कर रही है। संजय छोकर,आशा शर्मा,आदित्य,ईशान शर्मा,प्रदीप गौर,सुमन लता,मंजू,दर्शन,सुनीता,हिमांशु,मीना, राजीव,हेमन्त आदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन सरकार इस मामले में पूरी तरह फेल हो चुकी है। रसोई गैस की सब्सिडी बंद करने से मोदी सरकार का गरीब और मध्यम वर्गीय विरोधी चेहरा सामने आया है। रसोई गैस-सीएनजी-पीएनजी-पेट्रोल-डीजल कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से देश की जनता परेशान है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार जनविरोधी नीतियों पर अंकुश नहीं लगाती,पार्टी उनका जमकर विरोध करती रहेगी।
हरियाणा महासचिव दीपा शर्मा ने कहा कि आज से शुरू हुए विधानसभा सत्र में यदि अविश्वास पत्र आया तो भाजपा सरकार हारेगी और किसानों के समर्थन में एकजुट हुआ विपक्ष जीतेगा। वे आज आंदोलन कर रहे किसानों के बीच आए ओर उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने ही नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जंग-ए-आजादी के बाद के सबसे बड़े किसान जनआंदोलन में आखिरकार किसानों की जीत होगी। किसानों और केंद्र सरकार के बीच एक महीने तक बातचीत न होने के सवाल के जवाब में दीपा ने कहा कि अब बातचीत की क्या जरूरत है। किसानों ने अपना निर्णय सरकार को बता दिया है कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गांरटी का कानून बनने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार चंद पूंजीपत्तियों की समर्थक और किसानों की विरोधी सरकार है। इस सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही देश में असंख्य किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हुए हैं। दिल्ली में 20 किलोमीटर का सफर करके किसानों के आंदोलन तक पहुंचने की जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेता 2 हजार किलोमीटर दूर जाकर पश्चिम बंगाल में चुनावी सभाएं कर रहे हैं जबकि भाजपा के खिलाफ उठ रहे जन आक्रोश के कारण भाजपा को भविष्य के चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ेगा। जिला अध्यक्ष सुरभि शर्मा ने कहा कि वे स्वयं तथा सभी कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में आंदोलन स्थल पर बार बार आएंगे। किसान आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचाने के लिए पदयात्रा, साईकिलयात्रा और ट्रैक्टर यात्रा निकालने से भी पीछे नहीं हटेंगे। दीपा शर्मा ने कहा कि देश का किसान किसी भी तरह से सरकारों पर निर्भर नहीं है। अपने परिवार, रिश्तेदाराें, गरीबों और सहयोगियों के लिए रोटी, सब्जी, दालें और दूध आदि का उत्पादन अपनी मेहनत के दमखम पर करता है। किसान को केवल दवाईयों के लिए ही बाजार में आना पड़ता है। सरकारी एजैंसियों को दूध 100 रुपए किलो से कम न देने जैसे फैसले यदि किसान अपने अन्य उत्पादों पर भी कर लेगा तो सरकार को लेने के देने पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब सरकार पर निर्भर है कि वह देश को इस संकट से उभारने के लिए किसानों के विरोधी तीन कृषि काले कानूनों को वापिस ले और किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून दे।