निजाम खान की रिपोर्ट
जामताड़ा: शुक्रवार रात को नाला प्रखंड क्षेत्र के सालूका पंचायत अंतर्गत दूमदुमी शरीफ में एक दिवसीय वार्षिक उर्ष का आयोजन किया गया|पर इस वर्ष कोविड को देखते हुये भीड़-भाड़ से बचते हुये नाम मात्र उर्ष का आयोजन हुआ तथा मजार शरीफ में चादरपोशी की गयी|यहां के बारे में कई चमत्कारीता बातें सुनने को मिलती है|आयिये जानते है दूमदुमी शरीफ के बारे में|
दूमदुमी शरीफ के मोहम्मद सेख इलीयास,टीपु सुल्तान, सलीम खान, बाबुल सेख, पियारुल खान, तस्लीम सेख, अकतर खान सहित आदि ग्रामीणों ने कहा कि नाला-जामताड़ा मुख्य मार्ग सीतामढ़ी मोड़ से लगभग 2.5 किमी दूरी पर ग्राम से बाहर पुराना बांध के समीप पुराने पत्थरों का एक टीला है जहां पर सैकड़ों बड़े-बड़े पत्थर इधर-उधर बिखरे पड़े हैं उसी पत्थरों के पास में खाली जमीन में लगभग 200 मीटर के दायरे पर आप हाथ में पत्थर लेकर जाएंगे तो पत्थर जमीन पर गिरते ही धूम-धूम की आवाज आएगी| जैसा ही महसूस होगा कि यहां के जमीन के अंदर कोई बड़ा सा हिस्सा खाली है या अंदर कोई ऐसी वस्तु है जिसके कारण यह आवाज उत्पन्न होती है| यहां के लोगों को कहना है यहां प्राचीन के सौदागरों का आना जाना था और उनका महल भी था इसका अवशेष नहीं है| पर बड़े-बड़े बांध आसपास नजर आते हैं, हो सकता है| किसी समय एक व्यक्ति द्वारा वहां खुदाई करवाना की असलियत को जानना चाहा पर उसी दरमियान उसकी मृत्यु हो गई, इसके चलते यहां के लोग भय के कारण फिर कभी खुदाई ही नहीं की| यह एक ऐतिहासिक चीज है|साथ ही सरकार को इस पर ध्यान आकृष्ट करना चाहिए ताकि यह धूम-धूम पत्थर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सके|