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    Home » न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 जल्द ही LAC पर तैनात किए जाएंगे
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    न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 जल्द ही LAC पर तैनात किए जाएंगे

    Devanand SinghBy Devanand SinghJanuary 9, 2021No Comments2 Mins Read
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    नई दिल्‍ली. पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत अपने सबसे खतरनाक और लंबी दूरी की न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 को तैनात करने की योजना बना रहा है. इस इंटरकंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की जद में चीन की राजधानी बीजिंग, शंघाई समेत उसके सभी प्रमुख शहर होंगे.

    रिपोर्ट के मुताबिक एलएसी पर तनाव के मद्देनजर रक्षा रणनीतिकारों ने अग्नि-5 मिसाइल को जल्द से जल्द तैनात करना चाहते हैं.

    3-4 महीनों में हो सकती है तैनाती, साबित हो सकती है गेमचेंजर

    अग्नि-5 एक बार तैनात हो गई तो यह भारत के लिए गैमचेंजर साबित हो सकती है. अभी इसके प्री-इंडक्शन ट्रायल्स चल रहे हैं, जिसके बाद इन्हें रणनीतिक तौर पर अहम जगहों पर तैनात किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इसे अगले 3-4 महीनों में तैनात कर लिया जाएगा. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को तेज कर दिया है. पिछले तीन महीनों में ही भारत ने 30 कामयाब मिशनों को लॉन्च किया है.

    5000 किलोमीटर रेंज मतलब चीन के तमाम शहर जद में

    5000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जा सकती है. अग्नि 5 कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी मारक क्षमता के दायरे में पूरा चीन आता है. यानी अगर भारत ने अग्नि-5 का इस्तेमाल किया तो चीन के किसी भी इलाके को टार्गेट किया जा सकता है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस मिसाइल से पेइचिंग, शंघाई, गुआंगझाऊ और हॉन्ग कॉन्ग जैसे शहरों को निशाना बनाया जा सकता है. चीन के ये शहर राजनीतिक और औद्योगिक नजरिए से बेहद खास हैं और अग्नि-5 समेत भारत की मिसालों अगर लद्दाख या गुवाहाटी से पूर्वोतर इलाके से दागी गईं तो ये पूरी तरह से तबाह हो सकते हैं.

    पहली बार 2012 में हुआ था अग्नि-5 का परीक्षण

    अग्नि-5 की ही बात करें तो इसका पहला टेस्ट 2012 में किया गया था और पूरी अग्नि सीरीज में यह सबसे आधुनिक हथियार है जिसमें नेविगेशन के लिए मॉडर्न टेक्नॉलजीज हैं और परमाणु हथियार ले जाने की इसकी क्षमता दूसरी मिसाइल प्रणालियों से कहीं ज्यादा बेहतर है. इस समय अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और नॉर्थ कोरिया के पास ही इंटरकंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल्स हैं.

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