✍निजाम खान
जामताड़ा: लोगों को स्वच्छ पानी मिले।इसके लिये पूर्व की सरकार हो या वर्तमान की सरकार हो लगातार इसके लिये प्रयास भी कर रही है।ताकी लोगों को स्वच्छ पानी पीकर दुषित पानी से होने वाले विभिन्न प्रकार की बिमारी निजात मिल सके।इसके लिये सरकार कई तरह के कदम उठाये है।पर सरकार के इन प्रयासों को निचले तबके तक आते-आते दम तोड़ जाती है।जिसका खामियाजा आमजनों को हमेशा के लिये भूगतना पड़ता है।बता दे लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिये सरकार ने छोलाबेड़िया व लाईकापुर सहित अन्य गांवों में चापाकल पर फिल्टर मशीन लगाया गया था।मालूम हो कि यह योजना पीएचडी विभाग के तहत दिया गया था।पर योजना का लाभ ग्रामीणों को आज तक नहीं मिल सका।सिर्फ और सिर्फ योजना का लोगों में दो-चार दिनों के लिये दर्शन हुआ है।बता दे छोलाबेड़िया के विद्यालय के समीप एक,बागती टोला में एक तथा ऊपरी टोला में एक और लाईकापुर के पहाड़ीया टोला में एक चापाकल पर विभाग की ओर से फिल्टर मशीन लगाया गया था।बता दे यह योजना लगभग वर्ष 2008 में दिया गया था।छोलाबेड़िया में दो जगह के फिल्टर मशीन टूटकर खत्म हो गया है।वही ऊपरी टोला में खराब पड़ा हुआ है।
फिल्टर पानी का होना था उपयोग:लोग चापाकल के हेंडल को दबाते थे।पानी ओटीमेटीक फिल्टर हो जाता।जिसका पानी लोग घड़े में भरते ।पानी का गंदगी साफ हो जाता था।जिससे पानी पूर्ण स्वच्छ हो जाता था।
क्या कहते है ग्रामीण:नारायण घोष,मंतोष पाल,शांती धीबर आदि ने कहा कि यह योजना लगभग वर्ष 2008 में बना था।मात्र 4-5 दिनों तक लोगों को योजना का लाभ मिला।जिसके बाद से फिल्टर खराब हो गया।योजना से लोगों में आस जगी थी कि लोगों को स्वच्छ पानी मिलेगा।पर सपनों पर पानी फेर गया।
क्या कहते है मुखिया
योजना काफी महत्वपूर्ण योजना थी।लोगों को स्वच्छ पानी मिलता था।पुन:चापाकल पर फिल्टर की व्यावस्था होना चाहिए।ताकी लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके।लोग बिमारी से भी बच सकेंगे।
बाबुराम हांसदा,मुखिया,मुड़बेड़िया पंचायत।
क्या कहते है पदाधिकारी:योजना लगभग वर्ष 2008 में लगाया गया है।जिस चापाकल के पानी से फ्लोराइड निकलता था उसी चापाकल में लगभग 12 हजार रूपये की लागत से चापाकल पर पांच साल के लिए फिल्टर मशीन लगाया गया था।
निलम कुमार,एसडीओ,पीएचडी,जामताड़ा।