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    Home » झारखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव की बिगुल फूंक रहीं महिलाएं
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    झारखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव की बिगुल फूंक रहीं महिलाएं

    Nijam KhanBy Nijam KhanJuly 29, 2024No Comments5 Mins Read
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    झारखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव की बिगुल फूंक रहीं महिलाएं

    *ग्रामीण महिलाओं के श्रम शक्ति के सम्मान के साथ आजीविका की ओर बढ़ते कदम*
    पलाश ब्रांड के जरिए “मार्केट लीडर” बन रहीं महिलाएं
    03 वर्ष से कम अवधी में कुल 3982.00 लाख रूपए की सकल बिक्री

    राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेलों में सहभागिता की तथा ₹1100 .00 लाख से ऊपर का कारोबार किया
    राष्ट्र संवाद संवाददाता
    *रांची*
    मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा राज्य की ग्रामीण महिला उद्यमियों के उत्पादों को सालों भर बाज़ार एवं सम्मानजनक लाभ सुनिश्चित कराने एवं ग्रामीण महिलाओं को ग्रामीण अर्थवयवस्था के “मार्केट लीडर” के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति का शुभारंभ 29 सितम्बर 2020 को किया गया। आज उसका साकारात्मक परिणाम हमारे समक्ष है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्यान्वित किये जा रहे अभिनव प्रयास पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति के माध्यम से अब तक 29 विभिन प्रकार के उत्पादों को खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। तीन वर्ष से कम अवधी में कुल 3982.00 लाख रूपए की सकल बिक्री की जा चुकी है। पलाश ब्रांड में अपने कृषि उत्पादों की आपूर्ति तथा अन्य प्रसंस्करण, पैकजिंग एवं बिक्री के कार्यों से अब तक राज्य के स्वयं सहायता समूहों की एक लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएं जुड़ कर अपने आय में वृद्धि कर रहीं हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हुए इसे मुख्यधारा से जोड़ रहीं हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों की पहचान बन चुकी पलाश ब्रांड को विशुद्ध व्यवसायिक परिचालन हेतु “पलाश इंटरप्राइजेज कंपनी” का गठन किया जा रहा है।

    *ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने लक्ष्य तय *

    मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए निर्धन परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेज गति से विकास और वृद्धि सुनिश्चित करना लक्ष्य तय किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इस बड़े बदलाव हेतु सखी मंडल से जुड़ी राज्य की लाखों ग्रामीण महिला उद्यमियों के द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार में उचित स्थान एवं अधिकतम लाभ उपलब्ध कराने का कार्य किया गया।  इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ग्रामीण महिला कृषकों एवं उद्यमियों को उनके ही ग्रामीण परिवेश में नयी तकनीक, प्रशिक्षण, पूंजी, उद्यमिता के कौशल, उत्पाद संकुल, संग्रहण, भण्डारण, प्रसंस्करण, उत्पादन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से तैयार किया जा रहा है। इन्हीं आवश्यक तकनीक, कौशल, संरचना, प्रशिक्षित मानव संसाधन एवं वित्तीय संसाधन इकोसिस्टम की पहुंच प्रत्येक ग्रामीण एवं आदिवासी महिला उद्यमियों तक सुनिश्चित करने के संकल्प से साथ राज्य सरकार के द्वारा पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति पर लगातर कार्य किया जा रहा है।

    *मिल रहा उत्पाद को बाजार, उद्यमियों को सम्मान*

    पलाश ब्रांड की विश्वसनीयता को देखते हुए भारत सरकार के द्वारा हाल में ही नोयडा हाट, उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुए राष्ट्रीय आजीविका सरस मेला में “पलाश ब्रांड” के उत्पादों को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत मंडपम, प्रगति मैदान में भारत सरकार के द्वारा आयोजित वर्ल्ड फ़ूड इंडिया अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में ग्रामीण महिलाओं के ब्रांड के रूप में पलाश मार्ट आकर्षण का केंद्र रहा है। झारखण्ड की ग्रामीण महिलाओं को पलाश ब्रांड के रूप में एक बाज़ार शक्ति के रूप में सम्मान जनक स्थान प्राप्त करने में पलाश ब्रांड मील का पत्थर प्रमाणित हो रहा है।

    *पलाश इकोसिस्टम का विस्तार*

    झारखण्ड सरकार राज्य की ग्रामीण महिला उद्यमियों को पलाश ब्रांड से जोड़ने हेतु प्रयासरत है I पलाश ब्रांड के उत्पादों के लिए अपनाई जा रही रणनीति के अंतर्गत अब तक 23 पलाश संग्रहन केंद्र, 45 प्रसंस्करण केंद्र, 155 उत्पादन केंद्र, 19 पलाश पैकेजिंग और ब्रांडिंग केंद्र तथा 46 “पलाश मार्ट” का परिचालन आरंभ किया गया है। रांची के प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र में पलाश माल के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही राज्य के अन्य आदिवासी बहुल जिलों यथा दुमका, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, लोहरदगा तथा खूंटी में पलाश माल के निर्माण हेतु भूखंड हस्तगत कर निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। पलाश ब्रांड के उत्पादों के साथ सखी मंडल से जुड़ी लाखों ग्रामीण महिला उद्यमियों के उत्पादों के प्रचार-प्रसार तथा बिक्री को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में प्रति वर्ष दो राष्ट्रीय सरस मेला का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में पलाश के उत्पादों को प्रमुखता से प्रदर्शित एवं बिक्री के लिए विशेष उपाय किये गए।

    *₹1100 .00 लाख से ऊपर का कारोबार*

    सभी जिलों के उपायुक्तों को जिला में आयोजित होने वाले सरकारी तथा गैर सरकारी राजकीय महोत्सव, मेला, एक्सपो , ट्रेड फेयर में पलाश के उत्पादों की प्रदर्शनी सह बिक्री हेतु निःशुल्क स्टाल उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया है। पलाश उत्पादों से जुड़ी राज्य की उद्यमी ग्रामीण महिलाओं को दूसरे राज्यों में आयोजित होने वाले सरस मेला, ट्रेड फेयर तथा अंतरराष्ट्रीय मेलों में सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। विगत वर्ष सखी मंडल की उद्यमी दीदियों ने 19 राज्यों तथा देश की राजधानी दिल्ली तथा वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में आयोजित सरस तथा अन्य राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के मेलों में सहभागिता की तथा 1100 लाख रूपए से अधिक का कारोबार किया।

    *आजीवका संवर्धन की साबित हो रही मुख्य कड़ी*

    राज्य सरकार के द्वारा इस वर्ष से सभी जिलों में स्थानीय मेलों का विशेष आयोजन तथा उद्यमिता पखवाड़ा का आयोजन कर ग्रामीण एवं आदिवासी महिला उद्यमियों के उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है ताकि ग्रामीण अर्थवयवस्था में महिलाओं की साझेदारी को व्यापक किया जा सके। पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति ग्रामीण महिलाओं के आजीवका संवर्धन की मुख्य कड़ी साबित हो रही है। ब्रांडिंग एवं विपणन के माध्यम से ग्रामीण महिला उद्यमियों के उत्पाद की गुणवत्ता, उत्पादन इकाई की आधुनिकीकरण, उत्पादन प्रक्रिया की स्वच्छता एवं सुरक्षित वातावरण का महत्व को प्राथमिकता के साथ अपनाए जाने की प्रवृत्ति प्रदर्शित हो रही है तथा अपने उत्पादों के लिए मुख्य बाज़ार में प्रतिद्वंदिता के साथ स्थान बनाना ग्रामीण महिला उद्यमियों का लक्ष्य बन रहा है। एक स्वावलंबी ग्रामीण महिला उद्यमी अपने कौशल तथा क्षमता के बल पर खुले बाज़ार में स्वयं अपना स्थान बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो झारखण्ड के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव की बिगुल फूंक रहीं हैं।

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